Edited By Nitika,Updated: 14 Oct, 2019 05:32 PM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कटाई के बाद खेतों में पराली (फसल अवशेष) जलाए जाने का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव और उपज में कमी होने जैसे खतरों को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि फसल अवशेष जलाने वाले किसान सरकार की ओर से मिलने वाली...
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कटाई के बाद खेतों में पराली (फसल अवशेष) जलाए जाने का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव और उपज में कमी होने जैसे खतरों को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि फसल अवशेष जलाने वाले किसान सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रह जाएंगे।
नीतीश ने फसल अवशेष प्रबंधन पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि किसानों को यह बात समझानी होगी कि पराली जलाने से खेतों में ऊपज में कमी आने के साथ-साथ पर्यावरण पर भी असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को यह समझाना होगा कि यदि पराली को इकट्ठा कर कई अन्य प्रकार की चीजों का निर्माण कराया जाए तो अनाज के साथ-साथ इससे भी किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट पर बिजली उपलब्ध करा रहे हैं जबकि एक लीटर डीजल पर 60 रुपए तक की सब्सिडी भी दे रहे हैं। किसानों की हर संभव सहायता कर रहे हैं, जो किसान पराली जलाएंगे वो सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में परिचर्चा से जो उपयोगी बातें सामने आएंगी उसे कार्य योजना में शामिल किया जाएगा।