तेजस्वी-मांझी कलह से बिहार में विपक्षी महागठबंधन में ताजा संकट के संकेत

Edited By Nitika,Updated: 19 Mar, 2020 03:41 PM

signs of fresh crisis in grand alliance due to tejashwi manjhi discord

बिहार में विपक्षी महागठबंधन में बुधवार को तब ताजा संकट उत्पन्न हो गया, जब राजद नेता तेजस्वी यादव और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक-दूसरे पर निशाना साधा और एक-दूसरे के लिए किए एहसानों को गिनाया।

पटनाः बिहार में विपक्षी महागठबंधन में बुधवार को तब ताजा संकट उत्पन्न हो गया, जब राजद नेता तेजस्वी यादव और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक-दूसरे पर निशाना साधा और एक-दूसरे के लिए किए एहसानों को गिनाया।

यह घटना तब हुई जब एक दिन पहले मंगलवार देर रात मांझी ने मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से मुलाकात की। उससे कुछ घंटे पहले मांझी ने राजद को 31 मार्च तक गठबंधन के सभी पांच भागीदारों के प्रतिनिधियों को शामिल कर एक समन्वय समिति गठित करने की उनकी मांग को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव ने मांझी पर तंज कसा जब एक संवाददाता सम्मेलन में उनकी मांग को लेकर सवालों की बौछार की गई।

तेजस्वी ने कहा कि मांझी शायद भूल गए हैं कि समन्वय समिति वास्तव में बनी हुई है। नही तो उनके बेटे राजद कोटे से विधान परिषद के लिए कैसे चुने गए। गौरतलब है कि पहले राजग के साथ रहने वाले मांझी मार्च, 2018 में महागठबंधन में शामिल हो गए थे। हम के संस्थापक मांझी अपनी पार्टी के एकमात्र विधायक हैं। राजद की मदद से मांझी के बेटे संतोष कुमार मांझी को राज्य के उच्च सदन में भेजा गया। यादव को इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया है, जो महागठबंधन के सहयोगी दलों को राजद का ‘एकतरफा' कदम लग रहा है।

तेजस्वी ने कहा कि हमने उन्हें तीन सीटें लोकसभा चुनाव में और एक सीट विधानसभा उपचुनाव में दी थीं। उन्हें याद रखना चाहिए कि राजग में उनके लिए क्या प्रस्ताव था। ऐसे संकेत हैं कि यदि 31 मार्च तक हम प्रमुख की मांग पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह महागठबंधन में बने रहने को लेकर मंथन सकते हैं। इसको लेकर पूछे गए सवाल पर यादव ने कहा कि कि हर कोई अपने रास्ते चुनने के लिए स्वतंत्र हैं।

इससे नाराज होकर मांझी ने भी तुरंत एक संवाददाता सम्मेलन किया। उन्होंने कहा कि मैं राजद के पास कोई महागठबंधन में प्रवेश के लिए अर्जी लेकर नहीं आया था। तेजस्वी यादव को शायद उन घटनाओं के बारे में जानकारी नहीं है। उन्हें अपने पिता लालू प्रसाद से पूछना चाहिए। राजद नेतृत्व ने मुझसे आने के लिए विनती की थी। इसको लेकर उनसे कम-से-कम 50 बार फोन पर बातचीत हुई थी।

हम अध्यक्ष ने दावा किया कि तेजस्वी ने अररिया लोकसभा सीट और जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र के उपचुनावों में राजद की जीत की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए महागठबंधन में शामिल होने के लिए आग्रह किया था। हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि पिछले दिन नीतीश के साथ उनकी मुलाकात राजग में लौटने के उनके इरादे का संकेत है। मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ मेरी मुलाकात व्यक्तिगत थी। लेकिन, जब दो दलों के नेता मिलते हैं, तो थोड़ी बहुत राजनीति पर भी चर्चा होती ही है।

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