Edited By prachi,Updated: 02 Aug, 2018 04:07 PM
नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन देने के मामले में गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अगली सुनवाई के लिए मंगलवार का दिन तय किया गया है।गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की अदालत ने बिहार सरकार से कहा...
पटना: नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन देने के मामले में गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अगली सुनवाई के लिए मंगलवार का दिन तय किया गया है।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की अदालत ने बिहार सरकार से कहा कि शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हैं। अगर उन्हें अच्छा वेतन मिलेगा तो वह और अधिक मन लगाकर राष्ट्र की सेवा करेंगे। कोर्ट ने बिहार सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि वर्तमान सिस्टम सुधारने और नियोजन को खत्म करने में आपको कितने दिन लगेंगे। आप आईएएस ऑफिसर और इंजीनियर को ज्यादा सैलरी देते हैं, पर संविधान में यह बात नहीं है।
पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों की समान काम के बदले समान वेतन की मांग को सही ठहराया था। बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि नियोजित शिक्षकों का वेतन चपरासी से भी कम क्यों है। बिहार सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था अगर वह राज्य के तीन लाख 70 हजार नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देंगे तो राज्य सरकार के खजाने पर भारी बोझ पड़ जाएगा।