Edited By prachi,Updated: 25 Sep, 2018 06:44 PM
बिहार के नालंदा जिले का 19 वर्षीय सौरभ प्रतीक मरकर भी अमर हो गया। सौरभ प्रतीक की मौत के बाद परिवार वालों ने उसके अंगदान करने का फैसला लिया। इसके चलते सौरभ की आंखों, दिल और लिवर को प्रत्यारोपण करने के लिए निकाल लिया गया है। जानकारी के अनुसार, सौरभ...
पटनाः बिहार के नालंदा जिले का 19 वर्षीय सौरभ प्रतीक मरकर भी अमर हो गया। सौरभ प्रतीक की मौत के बाद परिवार वालों ने उसके अंगदान करने का फैसला लिया। इसके चलते सौरभ की आंखों, दिल और लिवर को प्रत्यारोपण करने के लिए निकाल लिया गया है।
जानकारी के अनुसार, सौरभ के मरने के बाद उसके परिवार वालों ने नेशनल ऑर्गन ट्रांसप्लांट संस्थान (नोटो) और क्षेत्रीय ऑर्गन ट्रांसप्लांट संस्थान (रोटो) से संपर्क किया। सोमवार की सुबह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायनरी साइंस (आईएलबीएस) नई दिल्ली की टीम आईजीआईएमएस पहुंची और सौरभ का लिवर लेकर चली गई।
इसके अतिरिक्त कोलकाता के रवींद्र नाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉर्डियक साइंसेज की टीम अस्पताल पहुंची। वह सौरभ का दिल लेकर स्पाइस जेट से रवाना हुई। सौरभ का दिल एक मरीज को प्रत्यारोपण किया जाना है। आईजीआईएमएस के निदेशक डॉक्टर एनआर विश्वास ने कहा कि सौरभ की आंखें अस्पताल के आई बैंक में सुरक्षित रख ली गई हैं। इस तरह सौरभ मरकर भी अमर हो गया और तीन लोगों की नई जिंदगी दे गया।
गौरतलब है कि रविवार को सौरभ छत से गिर गया था जिसके बाद उसे कंकड़बाग स्थित निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। वहां के डॉक्टरों ने जब हाथ खड़े कर दिए तो उसे आईजीआईएमएस लाया गया। कुछ समय के बाद डॉक्टरों ने सौरभ को ब्रेन डेड घोषित कर दिया था जिसके बाद उसके परिवार ने सौरभ के अंगदान करने का फैसला लिया।