Edited By Deepika Rajput,Updated: 24 Aug, 2018 10:15 AM
पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट देने में असफल रहने पर सीबीआई की खिंचाई की। उन्होंने सवाल किया कि जांच टीम का हिस्सा रहे एसपी रैंक के एक अधिकारी का तबादला क्यों किया गया। मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर. शाह और...
पटनाः पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट देने में असफल रहने पर सीबीआई की खिंचाई की। उन्होंने सवाल किया कि जांच टीम का हिस्सा रहे एसपी रैंक के एक अधिकारी का तबादला क्यों किया गया। मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर. शाह और न्यायमूर्ति रवि रंजन की खंडपीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह 27 अगस्त को मामले में अगली सुनवाई के दौरान अपना जवाब दाखिल करे।
बता दें कि, हाईकोर्ट ने 6 अगस्त को सीबीआई के एसपी को निर्देश दिया था कि वह एक अधिवक्ता के जरिए इस अदालत के समक्ष पेश हों और जांच की प्रगति के संबंध में एक रिपोर्ट दायर करें। सीबीआई मुख्यालय की ओर से 21 अगस्त को जारी एक आदेश के जरिए एसपी जे पी मिश्रा का तबादला विशेष अपराध शाखा से कर दिया गया था और उन्हें पटना स्थित डीआईजी कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया। अदालत ने सीबीआई से कहा कि वह स्पष्ट करे कि मामले में जांच अधिकारी मिश्रा का तबादला क्यों किया गया।
बिहार में विपक्षी दलों ने इस फेरबदल की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि इससे जांच प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगी। पटना उच्च न्यायालय बिहार सरकार के अनुरोध पर मुजफ्फरपुर में सरकार की ओर से वित्तपोषित लड़कियों के आश्रयगृह में इस प्रकरण की जांच की निगरानी कर रहा है। इस बीच अदालत ने जांच की जानकारी लीक होने को लेकर भी अप्रसन्नता जताई और मीडिया से कहा कि वह इसे प्रकाशित करने से परहेज करे क्योंकि यह जांच के लिए नुकसानदायक हो सकता है।