Edited By Deepika Rajput,Updated: 14 Apr, 2019 04:55 PM
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की किताब (गोपालगंज टू रायसीना) पर राजनीतिक विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में ताजा मामला लालू के बेटे व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान...
पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की किताब (गोपालगंज टू रायसीना) पर राजनीतिक विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में ताजा मामला लालू के बेटे व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान का है। तेजस्वी ने कहा है कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सुप्रीमो नीतीश कुमार बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनाने के 6 महीने के भीतर अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय के लिए तैयार हो गए थे। 6 महीने में ही उनका भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से मोहभंग हो गया था। तेजस्वी के बयान के बाद इस मामले में सियासत फिर गरमा गई है।
इसी दौरान तेजस्वी यादव के आरोप पर जदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी के किसी अन्य दल के साथ विलय या महागठबंधन में जाने की कोई बात नहीं थी। केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर जदयू के विलय की कोई चर्चा नहीं हुई थी। वहीं तेजस्वी के आरोप का कांग्रेस पार्टी ने भी खंडन किया है। बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्र ने ऐसी किसी भी जानकारी से इनकार किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने भी ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया है।
इसके पहले शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव की पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा था कि प्रशांत किशोर जदयू की महागठबंधन में वापसी व नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री प्रत्याशी घोषित करने के प्रस्ताव के साथ उनके आवास पर पहुंचे थे। राबड़ी ने यहां तक कहा कि उस 'कबूतर' (प्रशांत किशोर) को उन्होंने घर से निकाल दिया था।