Edited By Deepika Rajput,Updated: 14 Jan, 2019 05:20 PM
बिहार का बहुचर्चित चूड़ा-दही भोज राजनीति का हिस्सा बन गया है। भोज के जरिए राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर हावी होने से चूक नहीं रही हैं। दरअसल, मकर संक्रांति (makar sankranti) के पावन अवसर पर लोजपा (LJP) के प्रदेश कार्यालय में दही-चूड़ा भोज का भव्य...
पटनाः बिहार का बहुचर्चित चूड़ा-दही भोज राजनीति का हिस्सा बन गया है। भोज के जरिए राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर हावी होने से चूक नहीं रही हैं। दरअसल, मकर संक्रांति (makar sankranti) के पावन अवसर पर लोजपा (LJP) के प्रदेश कार्यालय में दही-चूड़ा भोज का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने भाग लिया। वहीं इस साल भी पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और राबड़ी आवास पर सन्नाटा पसरा रहा।
राबड़ी देवी ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा था कि इस बार भी चूड़ा-दही के भोज का आयोजन नहीं किया जाएगा। राबड़ी ने कहा कि राजद नेता सह विधानपार्षद खुर्शीद अहमद मोहसिन की अकस्मात मृत्यु से राजद गमगीन है, इसी वजह से इस बार भोज नहीं होगा। हालांकि, बिहार-झारखंड समेत देश के कई हिस्सों से लालू के समर्थक उनके लिए तिलकुट, सब्जी और दही-चूड़़ा लेकर पहुंचे। डॉक्टरों की सलाह के बाद ही लालू इन चीजों को खा सकते हैं। पुलिस ने सभी सामान को जांच के बाद लालू के पास भेज दिया है।
गौरतलब है कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा बड़े पैमाने पर चूड़ा-दही भोज का आयोजन किया जाता था। लालू स्वयं घर पर आए अतिथियों को चूड़ा-दही परोसते थे। लालू अपने पार्टी के समर्थकों के साथ-साथ विरोधियों को भी आमंत्रित किया करते थे।