Edited By prachi,Updated: 13 Dec, 2019 12:54 PM
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गुरुवार को बिहार सरकार की रेत खनन नीति के खिलाफ दायर आवदेनों को खारिज कर दिया। यह नीति सरकार को रेत खनन के लिए नदी के एक समान तल को दो हिस्सों में कृत्रिम तरीके से विभाजित करने की अनुमति देती है।
नई दिल्ली/पटनाः राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गुरुवार को बिहार सरकार की रेत खनन नीति के खिलाफ दायर आवदेनों को खारिज कर दिया। यह नीति सरकार को रेत खनन के लिए नदी के एक समान तल को दो हिस्सों में कृत्रिम तरीके से विभाजित करने की अनुमति देती है।
अधिकरण के न्यायिक सदस्य एसपी वांगडी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ‘‘बिहार रेत खनन नीति 2019'' उच्चतम न्यायालय की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों और ‘‘दीर्घकालिक रेत खनन प्रबंधन दिशानिर्देश 2016'' के अनुकूल है। आवेदक ने तर्क दिया था कि नीति बनाते समय राज्य ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किस शक्ति के आधार पर उसने यह किया।
इस पर एनजीटी ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य की नीति बनाने, आदेश जारी करने, प्रशासनिक नियम बनाने, परिपत्र और निर्देश आदि जारी करने के स्वाभाविक अधिकार को नजर अंदाज किया गया। वह अपने कार्यकारी शक्ति का इस्तेमाल कर ऐसा कर सकती है जब तक कि वे संवैधानिक एवं कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करते हों। पीठ ने कहा कि हमें 2019 कर नीति में कोई गलती या कमी नहीं दिखाई देती जैसा कि आवेदक ने रेखांकित किया गया है।