Edited By Nitika,Updated: 25 Jun, 2018 10:28 AM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ज्ञान भवन में आयोजित ईस्ट इंडिया क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव-2018 में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए अगली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षति रखने के लिए पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ नहीं करने की अपील की...
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ज्ञान भवन में आयोजित ईस्ट इंडिया क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव-2018 में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए अगली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षति रखने के लिए पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ नहीं करने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से अवगत है तथा उससे निपटने के प्रयासों पर बल दे रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य के तीसरे कृषि रोडमैप (2017-22) में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के उपाय शामिल किए गए हैं। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कथन का हवाला देते हुये कहा, धरती लोगों की जरुरतों को पूरा कर सकती है, लालच को नहीं। इसे पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में गंभीरता से सोचने की जरुरत है। मुझे पूरा विश्वास है की आने वाली पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए हमलोग पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे।
सीएम ने कृषि रोडमैप में हर चीज का ख्याल रखा गया है। फसल चक्र पर काम किया जा रहा है। राज्य में राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, सबौर कृषि विश्वविद्यालय तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का यहां स्थापित रीजनल केंद्र इन सब चीजों पर काम कर रहा है, योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में यह भ्रम है कि सौर ऊर्जा असली ऊर्जा नहीं है, ताप ऊर्जा ही वास्तविक ऊर्जा है। लोगों को यह समझना होगा कि सौर ऊर्जा अक्षय ऊर्जा है। बिहार पहला ऐसा राज्य है जहां आपदा जोखिम न्यूनीकरण का रोडमैप बना है।