Edited By prachi,Updated: 13 Nov, 2019 11:53 AM
केंद्र और राज्य सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बिहार में विपक्षी महागठबंधन वाम दलों के साथ मिलकर बुधवार को राज्यव्यापी "आक्रोश मार्च" निकालेगा। यह प्रदर्शन राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में होगा। सूत्रों के...
पटनाः केंद्र और राज्य सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बिहार में विपक्षी महागठबंधन वाम दलों के साथ मिलकर बुधवार को राज्यव्यापी "आक्रोश मार्च" निकालेगा। यह प्रदर्शन राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में होगा। सूत्रों के अनुसार, राजद नेता तेजस्वी यादव इस मार्च में शामिल नहीं होंगे। उनके स्थान पर रामचंद्र पूर्वे मार्च में हिस्सा लेंगे।
महागठबंधन में समन्वय समिति के गठन की मांग पूरी नहीं होने से नाराज चल रहे हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर और विकासशील इंसान पार्टी के इस मार्च में शामिल नहीं होने की अटकलों को नकारते हुए रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया कि इस मार्च में महागठबंधन के सभी घटक दलों के अलावा वाम दल भी शामिल होंगे।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी से उनके सरकारी आवास पर कुशवाहा ने मंगलवार को मुलाकात की। उसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मांझी ने कहा कि मान मनौव्वल की कोई बात नहीं है। हमने कभी नहीं कहा था कि 13 तारीख के इस मार्च में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में समन्वय समिति का गठन 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के पहले हो जाना चाहिए, न कि चुनाव के समय।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा से मुलाकात के बाद विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने पत्रकारों से कहा कि महागठबंधन में शामिल किसी भी दल ने इस मार्च में शामिल होने को लेकर ना नहीं कहा था। उन्होंने दावा किया कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव का समय आते आते महागठबंधन का स्वरूप और बडा हो जाएगा और वामदलों के साथ मिलकर हम बेहतर सरकार और राजग का विकल्प देंगे।