Edited By prachi,Updated: 23 Aug, 2019 05:13 PM
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता हुआ एक मामला सामने आया है जहां बिहार का एक शख्स तीस साल तक तीन जगह पर सरकारी नौकरी करता रहा। वह तीनों से वेतन लेता रहा। अब वेतन देने की नई प्रक्रिया सीएफएमएस (कंप्रीहेंसिव फाइनांशियल...
पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता हुआ एक मामला सामने आया है जहां बिहार का एक शख्स तीस साल तक तीन जगह पर सरकारी नौकरी करता रहा। वह तीनों से वेतन लेता रहा। अब वेतन देने की नई प्रक्रिया सीएफएमएस (कंप्रीहेंसिव फाइनांशियल मैनेजमेंट सिस्टम) के चलते इस मामले का खुलासा हुआ।
जानकारी के अनुसार, सुरेश किशनगंज, सुपौल और बांका में इकट्ठे नौकरी करता रहा। सुरेश किशनगंज के भवन निर्माण विभाग कार्यालय में सहायक अभियंता रहा। सुपौल में जल संसाधन विभाग के पूर्वी तटबंध भीमनगर में कार्यरत रहा तो बांका में जल संसाधन विभाग में अवर प्रमंडल बेलहर का सहायक अभियंता रहा। इस दौरान यह शख्स प्रमोशन लेकर जूनियर से असिस्टेंट इंजीनियर बन गया।
वेतन देने की नई प्रक्रिया सीएफएमएस (कंप्रीहेंसिव फाइनांशियल मैनेजमेंट सिस्टम) के चलते इस शख्स का पर्दाफाश हुआ। मामला संज्ञान में आने के बाद सरकार के उपसचिव चंद्रशेखर प्रसाद सिंह ने सुरेश को सभी प्रमाणपत्र लेकर पटना मुख्यालय में तलब किया। सुरेश पटना मुख्यालय आया पर मूल प्रमाण पत्र लेकर आने की बात कहकर वह चला गया और तब से लेकर वह फरार चल रहा है।
उपसचिव चंद्रशेखर प्रसाद सिंह ने सुरेश के खिलाफ किशनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। वहीं किशनगंज के डीएसपी अजय कुमार झा का कहना है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है। बांका और सुपौल से भी सुरेश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की सूचना है।