Edited By prachi,Updated: 25 May, 2019 02:12 PM
बिहार की 40 लोकसभा सीटों के लिए सात चरण मे हुए मतदान के दौरान लाखों मतदाताओं का पसंदीदा विकल्प नोटा (इनमें से कोई नहीं) रहा। 40 में से 39 सीटों पर बिहार एनडीए ने जीत दर्ज की है वहीं एक सीट कांग्रेस के खाते में गई है जबकि इन लोकसभा चुनावों में राजद...
पटनाः बिहार की 40 लोकसभा सीटों के लिए सात चरण मे हुए मतदान के दौरान लाखों मतदाताओं का पसंदीदा विकल्प नोटा (इनमें से कोई नहीं) रहा। देश में सबसे ज्यादा बिहार की जनता ने नोटा का बटन दबाकर अपने उम्मीदवारों को खारिज किया। बिहार के 8.17 लाख मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया।
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, बिहार में 40 लोकसभा सीटों पर हुए कुल मतदान में दो फीसदी लोगों ने नोटा का चयन किया। राज्य में गोपालगंज में सबसे ज्यादा 51,660 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। नोटा का उपयोग बिहार में दूसरे नंबर पर पश्चिम चंपारण में किया गया जहां 45,699 मतदाताओं ने इसका उपयोग किया। तीसरे नंबर पर समस्तीपुर में नोटा का उपयोग हुआ जहां के 35,417 मतदाताओं ने नोटा क बटन दबाया।
गोपालगंज से जदयू के डॉक्टर आलोक कुमार सुमन ने राजद के सुरेंद्र राम को मात दी है। पश्चिम चंपारण से भाजपा के संजय जायसवाल ने रालोसपा के बृजेश कुमार कुशवाहा को हराकर जीत हासिल की। वहीं समस्तीपुर से लोजपा के रामचंद्र पासवान ने कांग्रेस के डॉक्टर आशोक राम को हराकर जीत का परचम लहराया।
बता दें कि राज्य की 40 में से 39 सीटों पर बिहार एनडीए ने जीत दर्ज की है वहीं एक सीट कांग्रेस के खाते में गई है जबकि इन लोकसभा चुनावों में राजद अपना खाता भी नहीं खोल सकी है।