Edited By Deepika Rajput,Updated: 08 Apr, 2019 05:01 PM
लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने सोमवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है और इसे ''संकल्प पत्र'' का नाम दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस मौके पर कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक यानि साल 2022 तक के लिए हमने 75 संकल्प लिए हैं।...
पटना: लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने सोमवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है और इसे 'संकल्प पत्र' का नाम दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस मौके पर कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक यानि साल 2022 तक के लिए हमने 75 संकल्प लिए हैं। बीजेपी के घोषणापत्र में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है।
बीजेपी के घोषणापत्र में कहा गया है कि 'राष्ट्रवाद के प्रति हमारी पूरी प्रतिबद्धता है। बीजेपी के घोषणापत्र पर विभिन्न दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव ने घोषणापत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी का घोषणा पत्र अलग है और जदयू का अलग। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 A पर बीजेपी से हमारी असहमति है। वहीं राम मंदिर का निर्माण हम संविधान के दायरे में और आपसी सहमति से चाहते हैं। केसी त्यागी ने कहा कि हम परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति के पक्षधर नहीं हैं। हम भ्रष्टाचार में संलिप्त व्यक्ति के उच्च पदों पर होने के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए को एक और अवसर मिलना चाहिए।
वहीं बिहार में जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि धारा 370 को लेकर बीजेपी जदयू से असहमत है। ये बीजेपी का पुराना स्टैंड है और हर पार्टी को अपना स्टैंड रखने का हक है। बीजेपी को इस मुद्दे पर हमारा स्टैंड भी पता है। इसलिए जदयू अपने पुराने स्टैंड पर कायम है। आलोक ने कहा कि धारा 370, राम जन्मभूमि और तीन तलाक पर जदयू की राय अलग है। जदयू ने भी अपना अलग घोषणा पत्र जारी किया है। तमाम विरोधों के बावजूद गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वहीं बीजेपी ने कहा है कि जदयू बिहार की पार्टी है उनके अलग एजेंडे हैं।