दिव्यांग सैनिक अरुण के हौसले को मिली उड़ान, वर्ल्ड पैरालंपिक गेम्स में हुआ चयन

Edited By prachi,Updated: 01 Aug, 2018 05:10 PM

divyang sainik selected for world paralympic games

अगर हौसले बुलंद हो तो, कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता है। दोनों हाथों से दिव्यांग बिहार रेजिमेंट के अरुण केरकेट्टा ने यह कथन साबित करके दिखा दिया है। अरुण के इस हौसले के कारण ही वर्ल्ड पैरालंपिक गेम्स में उनका चयन किया गया है। इसके चलते बुधवार को...

दानापुर: अगर हौसले बुलंद हो तो, कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता है। दोनों हाथों से दिव्यांग बिहार रेजिमेंट के अरुण केरकेट्टा ने यह कथन साबित करके दिखा दिया है। अरुण के इस हौसले के कारण ही वर्ल्ड पैरालंपिक गेम्स में उनका चयन किया गया है। इसके चलते बुधवार को बिहार रेजिमेंट के ब्रिगेडियर मनोज नटराजन ने उन्हें सम्मानित किया।

रेल हादसे में खो दिए थे अपने दोनों हाथ 
13 मार्च, 2008 को झारखंड के लातेहार के शांतिपुर विजय नगर के अरुप केरकेट्टा सेना में भर्ती हुए थेे। छुट्टी के बाद ड्यूटी पर जाने के दौरान रेल हादसे में उनके दोनों हाथ कट गए। दो साल इलाज के बाद कृत्रिम हाथ लगाए गए। इलाज के दौरान उन्होंने कंप्यूटर कोर्स किया। इतने बड़े हादसे के बाद भी हार ना मानते हुए अरुण ने 2015 में गाजियाबाद में आयोजित सीनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियन में 5000 मीटर दौड़ में जीत हासिल की। इसके बाद से उनकी जीत का सिलसिला शुरू हो गया। 

बिहार रेजिमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर ने अशोक स्तंभ से किया सम्मानित 
बिहार रेजिमेंट के जवान अरुण ने अपने दोनों हाथ खोने के बाद भी जंग जारी रखी। जवान के इसी हौसले को देखते हुए वर्ष 2019 में साउथ अफ्रीका में होने वाली वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स में चुन लिया गया। इसके चलते बिहार रेजिमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर और वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें अशोक स्तंभ देकर सम्मानित किया गया।  

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