नीति आयोग की रिपोर्ट में खुलासा- 21 बड़े राज्यों की सूची में सबसे खराब है बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था

Edited By prachi,Updated: 26 Jun, 2019 12:21 PM

disclosure in policy commission report

जहां एक तरफ चमकी बुखार को लेकर बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में हैं वहीं दूसरी तरफ नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से और अधिक बिगड़ी है। इस रिपोर्ट में इन्क्रीमेन्टल रैंकिंग यानी पिछली बार...

पटनाः जहां एक तरफ चमकी बुखार को लेकर बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में हैं वहीं दूसरी तरफ नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से और अधिक बिगड़ी है।

इस रिपोर्ट में इन्क्रीमेन्टल रैंकिंग यानी पिछली बार के मुकाबले सुधार के स्तर के मामले में 21 बड़े राज्यों की सूची में बिहार 21वें स्थान के साथ सबसे नीचे है। रिपोर्ट के अनुसार संदर्भ वर्ष 2015-16 की तुलना में 2017-18 में स्वास्थ्य क्षेत्र में बिहार का संपूर्ण प्रदर्शन सूचकांक 6.35 अंक गिरा है। यह रैंकिंग 23 संकेतकों के आधार पर तैयार की गई है। इन संकेतकों को स्वास्थ्य परिणाम (नवजात मृत्यु दर, प्रजनन दर, जन्म के समय स्त्री-पुरूष अनुपात आदि), संचालन व्यवस्था और सूचना (अधिकारियों की नियुक्ति अवधि आदि) तथा प्रमुख इनपुट / प्रक्रियाओं (नर्सों के खाली पड़े पद, जन्म पंजीकरण का स्तर आदि) में बांटा गया है।

बता दें कि यह दूसरा मौका है जब नीति आयोग ने स्वास्थ्य सूचकांक के आधार पर राज्यों की रैंकिंग की है। इस तरह की पिछली रैंकिंग फरवरी 2018 में जारी की गई थी। उसमें 2014-15 के आधार पर 2015-16 के आंकड़ों की तुलना की गई थी। इस रिपोर्ट में पिछले बार के मुकाबले सुधार और कुल मिलाकर बेहतर प्रदर्शन के आधार पर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग तीन श्रेणी में की गई है। पहली श्रेणी में 21 बड़े राज्यों, दूसरी श्रेणी में आठ छोटे राज्यों एवं तीसरी श्रेणी में केंद्र शासित प्रदेशों को रखा गया है।
 

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