Edited By prachi,Updated: 09 Sep, 2018 05:51 PM
बिहार में महिलाओं पर हो रहा अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है। कहीं महिलाओं और बच्चियां का यौन शोषण हो रहा है तो कहीं उनका अपहरण और हत्या की जा रही है। यह सभी घटनाएं जहां एक तरफ आम जनता के मन में खौफ पैदा कर रही हैं वहीं दूसरी तरह राज्य सरकार की कानून...
पटनाः बिहार में महिलाओं पर हो रहा अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है। कहीं महिलाओं और बच्चियां का यौन शोषण हो रहा है तो कहीं उनका अपहरण और हत्या की जा रही है। यह सभी घटनाएं जहां एक तरफ आम जनता के मन में खौफ पैदा कर रही हैं वहीं दूसरी तरह राज्य सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रही हैं।
आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल हर दिन रेप के तीन से ज्यादा और अपहरण के 18 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। राज्य के पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2017 में राज्य में महिला अपराध से जुड़े कुल 15,784 मामले सामने आएं। इनमें बलात्कार के 1199, अपहरण के 6817, दहेज हत्या के 1081, दहेज प्रताड़ना के 4873 और छेड़खानी के 1814 मामले शामिल हैं। वहीं वर्ष 2018 के जून तक बिहार में महिला अपराध के कुल 7683 मामले प्रकाश में आए। इनमें बलात्कार के 682, अपहरण के 2390, दहेज हत्या के 575, दहेज प्रताड़ना के 1535, छेड़खानी के 890 और महिला प्रताड़ना के 1611 मामले शामिल हैं।
बिहार के कैमूर, जहानाबाद, नालंदा, सहरसा, दरभंगा आदि जिलों से लड़कियों के साथ छेड़खानी करने का वीडियो भी वायरल हो चुका है। इसके अतिरिक्त भोजपुर में एक युवक की हत्या का आरोप लगाकर महिला को निर्वस्त्र कर घुमाया गया है। मुंबई स्थित टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 34 बच्चियों के साथ दुष्कर्म होने के मामले का भी खुलासा हुआ था।
महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध को लेकर विपक्ष भी लगातार राज्य सरकार को आड़े हाथों ले रहा है। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद के नेता तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर मामले को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना भी दिया था। इसके अतिरिक्त विपक्ष लगातार सीएम नीतीश के इस्तीफे की भी मांग करता रहा है। देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में इन आंकड़ों में वृद्धि होती है या कमी।