Edited By Nitika,Updated: 09 Apr, 2020 01:33 PM
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने जहां एक तरफ कोरोना संकट से मुकाबले के लिए विधायकों और विधान पार्षदों के वेतन में कटौती करने के नीतीश मंत्रिमंडल के निर्णय का समर्थन किया है।
पटनाः कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने जहां एक तरफ कोरोना संकट से मुकाबले के लिए विधायकों और विधान पार्षदों के वेतन में कटौती करने के नीतीश मंत्रिमंडल के निर्णय का समर्थन किया है। साथ ही उन्होंने यह सवाल भी खड़ा किया कि जब सरकार का कार्यकाल पांच-छह महीने ही बचा है, तब उसने किस अधिकार से विधायकों के एक साल के वेतन कटौती का निर्णय लिया है।
मिश्रा ने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों के वेतन में कटौती करने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत करती है। साथ ही यह भी जानना चाहती है कि जब सरकार का कार्यकाल पांच-छह महीने ही बचा है तब क्या उसे एक साल का निर्णय लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों का यह प्रथम दायित्व बनता है कि आपदा की घड़ी में आगे आकर वे पीड़ितों की सेवा के लिए अपना योगदान दें।
कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार विधानसभा और विधान परिषद के सभी सदस्यों ने पहले ही एक माह का वेतन और अपने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि से 50 लाख रुपए का योगदान दिया है। अब उम्मीद है कि राज्य के लोगों को कोरोना संकट से बचाने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) जैसे बड़े पदों पर बैठे अधिकारी भी खुद आगे आकर सहयोग राशि भेंट करेंगे।