Edited By prachi,Updated: 22 Sep, 2019 04:04 PM
बिहार में 5 विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इसके साथ ही सीटों की दावेदारी को लेकर बिहार एनडीए और महागठबंधन में सियासी घमासान छिड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। सीट बंटवारे को लेकर अधिक घमासान बिहार महागठबंधन...
पटनाः बिहार में 5 विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इसके साथ ही सीटों की दावेदारी को लेकर बिहार एनडीए और महागठबंधन में सियासी घमासान छिड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
सीट बंटवारे को लेकर अधिक घमासान बिहार महागठबंधन में देखने को मिल सकता है। लोकसभा चुनावों के दौरान सीट बंटवारे को लेकर भी महागठबंधन के सहयोगी दलों में काफी खलबली मची थी। जानकारी के अनुसार, राजद ने चार सीटों पर दावेदारी ठोकी है। कांग्रेस ने पहले से ही समस्तीपुर संसदीय सीट के अलावा विधानसभा की दो सीटों की मांग कर रखी है।
वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा(हम) ने भी नाथनगर और किशनगंज सीट पर दावा ठोका है। इसके अतिरिक्त महागठबंधन की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की दावेदारी आनी अभी बाकी है।
अगर बात की जाए बिहार एनडीए की तो उनमें सीटों की दावेदारी को लेकर ज्यादा मतभेद दिखाई नहीं दे रहा है। पांच में से चार सीटों पर 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने कब्जा जमाया था। कांग्रेस के कब्जे वाली किशनगंज विधानसभा की सीट का सामाजिक समीकरण ऐसा है कि भाजपा उसे लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं होगी।
वहीं लोजपा ने समस्तीपुर की लोकसभा सीट पर दावा ठोका है। वहीं चुनाव आयोग के कार्यक्रम के हिसाब से पार्टियों और प्रत्याशियों के पास तैयारी के लिए वक्त बहुत कम है। 20-25 दिनों के भीतर ही पार्टियों और प्रत्याशियों को चुनाव से संबंधित सभी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।