Edited By prachi,Updated: 17 Oct, 2019 10:27 AM
केंद्र के सहयोग से अब बिहार सरकार राज्य में स्थित नहरों, तटबंधों और जलाशयों की निगरानी ड्रोन तथा अन्य अत्याधुनिक माध्यम से करेगी। बुधवार को औरंगाबाद स्थित समाहरणालय के सभागार में केंद्र और राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की...
औरंगाबादः केंद्र के सहयोग से अब बिहार सरकार राज्य में स्थित नहरों, तटबंधों और जलाशयों की निगरानी ड्रोन तथा अन्य अत्याधुनिक माध्यम से करेगी। बुधवार को औरंगाबाद स्थित समाहरणालय के सभागार में केंद्र और राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि नहरों और तटबंधों के रखरखाव के लिए ड्रोन कैमरे की मदद ली जाए ताकि नहरों के टूटने अथवा क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में विभाग को तुरंत पता चल सके और संबंधित क्षतिग्रस्त नहर की तत्काल मरम्मत की जा सके।
उत्तर कोयल नहर परियोजना के अधीक्षण अभियंता संजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नहर अथवा तटबंध के टूटने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में विभागीय अधिकारियों को तुरंत पता नहीं चल पाता है लेकिन अब ड्रोन कैमरे की मदद से इस संबंध में तुरंत जानकारी ली जा सकेगी और क्षतिग्रस्त स्थल की तत्काल मरम्मत हो सकेगी। इससे अबाधित रूप से खेतों की सिचाई हो सकेगी।
संजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आज की कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में तकनीकी जानकारी दी गई है। गौरतलब है कि उत्तर कोयल नहर परियोजना बिहार की सबसे बड़ी परियोजना है जिसके लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 1663 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए हैं। इस परियोजना के माध्यम से बिहार की एक लाख आठ हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होनी है।