Edited By Jagdev Singh,Updated: 03 Jul, 2019 05:15 PM
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार से बच्चों की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है, जिसके बाद विरोधियों के साथ-साथ सहयोगी दलों के नेताओं ने भी सवाल उठाए हैं। इसी दौरान बिहार...
पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार से बच्चों की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है, जिसके बाद विरोधियों के साथ-साथ सहयोगी दलों के नेताओं ने भी सवाल उठाए हैं। इसी दौरान बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की हुई मौत पर बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष व पार्टी सांसद गोपाल नारायण सिंह ने नीतीश सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि लालू और नीतीश कुमार के राज में कोई फर्क नहीं है।
वहीं चमकी बुखार मामले पर सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किए जाने पर बीजेपी नेता ने कहा कि हलफनामा दाखिल करने से कुछ हल नहीं होता, यह बिहार सरकार की कमजोरी है। इसी दौरान बीजेपी सांसद ने प्रेस कांफ्रेंस में बुधवार को दिए अपने वक्तव्य में कहा कि लालू जी के समय से वर्तमान तक बिहार में मेडिकल कॉलेजों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। उसी समय से अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है। बिहार की वर्तमान सरकार ने भी इसपर ध्यान नहीं दिया है।
मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बीमारी को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए बताया है कि अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है। सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत 12,206 पदों के लिए सिर्फ 5,205 डॉक्टर ही तैनात हैं। वहीं, अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत क्षमता 19,155 के मुकाबले मात्र 5,634 नर्सें ही तैनात हैं।