Edited By prachi,Updated: 22 Nov, 2019 11:55 AM
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुक्रवार को दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। बिहार विधानसभा की शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होने पर दिवंगत नेताओं- जगन्नाथ मिश्रा, नैय्यर...
पटनाः बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुक्रवार को दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बिहार विधानसभा की शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होने पर दिवंगत नेताओं- जगन्नाथ मिश्रा, नैय्यर आज़म, रघुपति गोप, तुलसी दास मेहता और राम जेठमलानी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। चौधरी सहित सदन में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, उनके बड़े भाई एवं विधायक तेजप्रताप यादव और राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी सहित अन्य सदस्यों ने अपनी अपनी सीट से खडे़ होकर एक मिनट मौन रखकर दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी।
इससे पूर्व उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने वित्तीय वर्ष 2019-20 से संबंधित द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी को सदन में प्रस्तुत किया। उपमुख्यमंत्री ने 12,457.61 करोड़ रुपये के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी को सदन में पेश करते हुए कहा कि 5962.11 करोड़ रुपये वार्षिक योजना मद के तहत खर्च किए जाएंगे, जबकि 6480.42 करोड़ रुपये स्थापना और प्रतिबद्ध व्यय मद के तहत खर्च किए जाएंगे जबकि 15.08 करोड़ रुपए सेंट्रल सेक्टर योजना के लिए रखे गए हैं।
इससे पहले विपक्षी राजद, कांग्रेस और भाकपा-माले के विधायकों ने जेएनयू छात्रों पर लाठीचार्ज के खिलाफ विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए उपमुख्यमंत्री से जेएनयू छात्रों के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए उनसे माफी की मांग की। सुशील मोदी ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि जेएनयू में फीस वृद्धि इतना बड़ा मुद्दा नहीं है कि संसद मार्च किया जाए। हकीकत यह है कि जो शहरी नक्सली इस कैम्पस में बीफ पार्टी, पब्लिक किसिंग, महिषासुर महिमामंडन, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का मानभंजन और देश के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाने जैसी गतिविधियों में संलिप्त रहे, वे अब गरीब परिवारों के छात्रों को गुमराह कर राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं।