24 मौतों के बाद भी नहीं रूका बाबा का समागम, जुटे 1 लाख लोग (Pics)

Edited By ,Updated: 16 Oct, 2016 12:33 PM

pankaj baba death discourse

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में हुई 24 लोगों की मौत के बाद आज पंकज महाराज ने 2 मिनट के  मौन के बाद फिर से प्रवचन देना शुरू कर दिया है।

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में हुई 24 लोगों की मौत के बाद आज पंकज महाराज ने 2 मिनट के मौन के बाद फिर से प्रवचन देना शुरू कर दिया है। बाबा के प्रवचन सुनने के लिए पंडाल में 1 लाख लोग आज भी जुटे हैं। बता दें कि पूरे पंडाल में एक भी पंखा नहीं है। गर्मी के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

घटना बारे क्या कहना है बाबा का?
गुरुदेव संगठन के कार्यक्रम के दौरान निकाली गई शोभायात्रा के दौरान यह हादसा हुआ था। हादसे के दौरान वहां पर 80 हजार से 1 लाख लोग मौजूद थे। जबकि इजाजत 3 हजार लोगों की थी। पंकज महाराज ने माना कि चूक हुई है। आस्‍था का सैलाब उमड़ा था, क्‍योंकि किसी को रोका नहीं जा सकता।पुल पर वायब्रेशन हुआ था। लोगों को लगा कि भूकंप आ गया और भगदड़ मच गई।

5 पुलिस अधिकारी निलंबित
वाराणसी के राजघाट पुल पर हुई भगदड़ में 24 लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार ने पुलिस की लापरवाही मानते हुए 5 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यूपी के डीजीपी ने वाराणसी के एसपी सिटी, सीओ कोतवाली, एसओ रामनगर, थाना प्रभारी मुगलसराय और एसपी ट्रैफिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। डीजीपी जवीद अहमद ने ट्वीट करके कहा है कि घटना में इन पुलिस अधिकारियों की लापरवाही पाई गई है।

कौन थे जयगुरुदेव?
जानकारी के अनुसार जयगुरुदेव का बचपन का नाम तुलसीदास था। इनका जन्म उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के पास भरथना के खितौरा में हुआ था। जमीन-जयदाद को लेकर इनके चाचा लोगों से इन्हें मारने की कोशिश की। जिसके बाद इन्हें संसार से वैराग्य हो गया। इसके बाद वे अलीगढ़ में घूरेलाल जी के संपर्क में आए। इन्होंने उन्हें अपना गुरु मान लिया। इसके बाद इन्होंने घूरेलाल से ही दीक्षा ली जिन्होने इनके जयगुरुदेव का नाम दिया। 1953 में मथुरा के कृष्णा नगर के चिरौली में आश्रम की स्थापना की। इमरजेंसी के दौरान सरकार की खिलाफत की, जिसकी वजह से जयगुरुदेव जेल भी गए।

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