Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 01:53 PM
उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाके में जंगली जानवरों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
रुद्रप्रयाग(भूपेन्द्र भण्डारी): उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाके में जंगली जानवरों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। किसान सारा साल अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए मेहनत करते हैं मगर जंगली जानवर उनकी फसलें चौपट कर देते हैं। इन घटनाओं के चलते किसानों का लगातार खेती से मोह छूटता जा रहा है और वे पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं।
इन दिनों लोगों की धान की फसल, गोभी, हल्दी, अदरक आदि फसलों को जंगली सुअर और बंदर चौपट कर रहे हैं। कटाई के समय फसलों को इन जंगली-जानवरों ने बर्बाद कर दिया है जिससे किसान निराश हैं। स्यूण्ड, दरम्वाड़ी, क्यार्क, कमेड़ा, थलासू, सतेरा,नारी आदि गांवों के किसानों की लाखों की फसलों का नुक्सान हो रहा है। किसानों का कहना है कि जंगली जानवरों का आतंक हमेशा से रहता है। वन विभाग को इससे संबंधित शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग भी की है।
जिलाधिकारी मंगेश ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि जंगली जानवरों ने किसानों की फसलों को भारी नुक्सान पहुंचाया है। सरकार कुछ भी कहें किन्तु जमीन पर किसानों के लिए स्पष्ट नीति न बन पाना पलायन का मुख्य कारण है। पहाड़ के ज्यादातर लोग आज भी खेती पर निर्भर करते हैं मगर जंगली जानवर द्वारा उनकी फसलों का नष्ट किया जाना उनके लिए चिन्ता का विषय बना हुआ है।