केंद्रीय मंत्री ने सीएम के साथ की मुलाकात, महत्त्वपूर्ण योजनाओं पर हुई चर्चा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 02:59 PM

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में पेयजल मंत्री उमा भारती के साथ राज्य की पेयजल योजनाओं के संबंध में बातचीत की। सीएम ने कहा कि राज्य सराकर सौंग नदी पर बांध बनाकर देहरादून और आसपास के क्षेत्रों को...

देहरादून(कुलदीप रावत): उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में पेयजल मंत्री उमा भारती के साथ राज्य की पेयजल योजनाओं के संबंध में बातचीत की। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार सौंग नदी पर बांध बनाकर देहरादून और आसपास के क्षेत्रों को ग्रेविटी बेस्ड पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए योजना तैयार की जा रही है। 

नदियों के पुनर्जीवीकरण पर किया जा रहा कार्य 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की योजना वाटर कॉरपस तैयार करने की है। राज्य के प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे है। उन्होंने कहा कि भूमिगत जल को रिचार्ज करने के लिए राज्य सरकार छोटे-छोटे जलाशय बनाने की योजना पर कार्य कर रही है। नदियों के आसपास ताल बनाने की योजना पर भी कार्य चल रहा है। इसके साथ-साथ सीएम ने बताया कि देहरादून में रिस्पना और अल्मोड़ा की कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण पर कार्य कर रही है। देहरादून में पं. श्यामा मुखर्जी द्वारा एक ताल का लोकार्पण किया गया था। सीएम ने कहा कि हम इस ताल को उनके नाम से विकसित करने जा रहे है। 

100 प्रतिशत ओडीएफ हुआ राज्य 
इसके साथ ही पौड़ी, गैरसैंण और पिथौरागढ़ आदि क्षेत्रों में ताल विकसित करने की योजना बना रहे है। इसके लिए राज्य सरकार 250 करोड़ रुपए का प्रावधान करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में केंद्र सरकार की सहायता की आवश्यकता है। सीएम ने कहा कि राज्य 100 प्रतिशत ओडीएफ हो गया है। इसे ओडीएफ बनाने के लिए पानी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नई योजनाओं की भी शुरुआत की जानी है, जिसके लिए बजट की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त पूरी हो चुकी योजनाओं के रख-रखाव के लिए भी बजट की आवश्यकता है। 

स्वजल के क्षेत्र में राज्य सरकार ने किया अच्छा कार्य 
उमा भारती ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ओडीएफ के क्षेत्र में देशभर में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि  राज्य को ग्रामीण पेयजल योजना के अन्तर्गत पहले 70 करोड़ का आवंटन किया गया था। इस दिशा में उत्तराखण्ड के बेहतर प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए इसे 82 करोड रूपए किया गया। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने पेयजल योजनाओं के लिए दिए गए लक्ष्य को समय पर पूरा करने पर राज्य सरकार को प्रोत्साहन स्वरूप अब 27 करोड़ रूपए और अतिरिक्त दिए जाने का निर्णय लिया गया है, जो शीघ्र ही जारी किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वजल के क्षेत्र में राज्य ने बहुत अच्छा कार्य किया है। उन्होंने राज्य में पेयजल के स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए भी योजनाएं तैयार कर केन्द्र को उपलब्ध कराने की अपेक्षा की। 

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