Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 02:24 PM
भगवान तुंगनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार को शीतकाल के दौरान बंद कर दिए गए है। यह मंदिर पंच केदारों में तीसरे स्थान पर है। अब भगवान तुंगनाथ मक्कूमठ में भक्तों को दर्शन देंगे। जानकारी के अनुसार सुबह करीब 10.30 बजे विधि-विधान पूर्वक कपाट बंद कर दिए गए। उस...
रुद्रप्रयाग(भूपेन्द्र भण्डारी): भगवान तुंगनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार को शीतकाल के दौरान बंद कर दिए गए है। यह मंदिर पंच केदारों में तीसरे स्थान पर है। अब भगवान तुंगनाथ मक्कूमठ में भक्तों को दर्शन देंगे।
जानकारी के अनुसार सुबह करीब 10.30 बजे विधि-विधान पूर्वक कपाट बंद कर दिए गए। उस समय भक्तों की भारी भीड़ दर्शनों के लिए उमड़ पड़ी। तुंगनाथ जी की डोली 6 महीनों के लिए शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ के लिए रवाना हुई। शुक्रवार को डोली चोपता में ही रहेगी। 28 को भनकुल और 29 को मक्कूमठ पहुंच जाएगी।
बता दें कि पंच केदारों में भगवान तुंगनाथ का मंदिर समुद्र तल से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है जहां पर श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग के बाद 3 किमी खड़ी चढ़ाई पैदल चलकर भगवान आसुतोष के बाहुभुजाओं के दर्शन हो पाते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिन व्यक्तियों को कारणवश कुष्ट रोग उत्पन्न होता है वह भगवान तुंगनाथ और चन्द्रशिला के दर्शन करने से रोग से मुक्त हो पाते है। इस मौके पर बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य शिव सिंह रावत, कार्याधिकारी अनिल शर्मा तथा काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।