Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 05:09 PM
शिक्षक दिवस शिक्षक की कोशिशों और योगदान को पहचानने का दिन है। आज के दिन जहां एक तरफ पूरे देश में शिक्षकों का सम्मान होता है वहीं दूसरी तरफ देहरादून के परेड ग्राउंड में आज सैकडों शिक्षक अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए धरने पर बैठे हैं।
देहरादून(कुलदीप रावत): शिक्षक दिवस शिक्षक की कोशिशों और योगदान को पहचानने का दिन है। आज के दिन जहां एक तरफ पूरे देश में शिक्षकों का सम्मान होता है वहीं दूसरी तरफ देहरादून के परेड ग्राउंड में आज सैकडों शिक्षक अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए धरने पर बैठे हैं। ये शिक्षक प्राथमिक शिक्षक संघ की तरफ से धरने पर बैठे हैं।
इन शिक्षकों की मांग है कि वर्ष 2005 से पूर्व की लाभकारी पेंशन योजना को ही दोबारा लागू किया जाए, ना कि नई पेंशन नीति को शिक्षकों पर थोपा जाए। उनका कहना है कि जब तक सरकार शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं करती तब तक ड्रेस कोड का आदेश स्वीकार नहीं किया जाएगा।
शिक्षकों का कहना है कि वह सरकार से पिछले काफी समय से कल्याणकारी योजनाओं पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर चुके हैं, लेकिन सरकार से कोई उत्तर अभी तक नहीं मिला है। उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि इस तरह शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का धरने पर बैठना गलत परम्परा है।