भारत-चीन सीमा से सटे सौ किमी वन क्षेत्र पर फैसला ले सकेगी राज्य सरकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 07:57 PM

state goverment can take decision 100 km forest area nearby indo china border

उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा से सटे सौ किलोमीटर वन क्षेत्र मामले में सभी निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकार को होगा। केन्द्र इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रहा है।जल्द ही राज्य को यह अधिकार हस्तांतरित कर दिया जाएगा।

देहरादून/ब्यूरो। उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा से सटे सौ किलोमीटर वन क्षेत्र मामले में सभी निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकार को होगा। केन्द्र इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रहा है।जल्द ही राज्य को यह अधिकार हस्तांतरित कर दिया जाएगा।केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री डा. महेश शर्मा के साथ रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वन, पर्यावरण एवं संस्कृति विभाग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य की विभिन्न समस्याओं से उन्हें अवगत कराया।केन्द्रीय राज्य मंत्री ने अगले दो सप्ताह में सभी मुद्दों पर केन्द्रीय वन मंत्रालय और उत्तराखण्ड के अधिकारियों की एक बैठक बुलाकर ठोस कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा केन्द्रीय राज्य मंत्री के समक्ष कोटद्वार-रामनगर कंडी मार्ग का विषय उठाया गया, जिस पर उन्होंने सकारात्मक रूख दिखाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कंडी मार्ग के लिए ग्रीन रोड सहित सभी पर्यावरण अनुकूल विकल्पों पर काम कर रही है।

वाइल्ड लाइफ इन्स्टीट्यूट सहित अन्य विशेषज्ञ संस्थाओं की सलाह भी ली जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कंडी मार्ग को उत्तराखण्ड की जनता और यहां के पर्यटन के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर लाइन आॅफ एक्चुअल कंट्रोल (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के 100 किमी के भीतर वन क्षेत्र से सम्बंधित विषय पर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को अधिकार प्रदान किए जाने पर विचार किया जा रहा है। उत्तराखण्ड के संदर्भ में भी इस विषय पर शीघ्र ही दिशा निर्देश भेजा जाएगा।

राज्य सरकार ने एक हेक्टेयर तक की वन भूमि हस्तांतरण के अधिकार को अगले पांच वर्षों के लिए विस्तारित करने की मांग की। इसके साथ ही आपदा प्रभावित जनपदों में पांच हेक्टेयर तक की वन भूमि हस्तांतरण का अधिकार जो वर्ष 2016 में समाप्त हो गया था, उसे भी अगले पांच वर्षों के लिए राज्य सरकार को पुनः प्रदान करने की मांग की।
केन्द्रीय राज्य मंत्री ने दोनों ही मुद्दों पर सकारात्मक रुख दिखाया। वन विभाग के अधिकारियों ने केन्द्रीय राज्य मंत्री को भागीरथी ईको सेन्सटिव जोन के उन प्रावधानों से भी अवगत कराया, जिन पर राज्य की आवश्यकता के अनुरूप लचीला रुख अपनाते हुए संशोधन की जरूरत है। कैम्पा एक्ट 2016 की विचाराधीन नियमावली में पर्वतीय प्रदेशों की समस्या और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नियम बनाने का अनुरोध किया गया।

राज्य में तीन नये संग्रहालय और साइंस सिटी की होगी स्थापना

बैठक में पौड़ी जनपद में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के जीवन पर 11 करोड़ की लागत से एक संग्रहालय, टिहरी में भागीरथी नदी के निकट 20 करोड़ की लागत से गंगा संग्रहालय तथा अल्मोड़ा में उदय शंकर अकादमी में एक संग्रहालय निर्माण पर केन्द्रीय राज्य मंत्री द्वारा सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई। इसके साथ ही देहरादून में केन्द्र सरकार द्वारा शत प्रतिशत वित्त पोषित विशाल साइंस सिटी की सहमति भी प्रदान की गई है।

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