Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 04:41 PM
रैश ड्राइविंग करने वालो को यह कौन समझाए कि वह जिस रैश ड्राइविंग पर फिदा होते है वह उनके लिए ही नहीं, बल्कि अगल-बगल चलने वालों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है।
देहरादून/ब्यूरो। रैश ड्राइविंग करने वालो को यह कौन समझाए कि वह जिस रैश ड्राइविंग पर फिदा होते है वह उनके लिए ही नहीं, बल्कि अगल-बगल चलने वालों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है। पल भर का रोमांच उन्हें और दूसरों को जीवन भर के लिए अपाहिज बना सकता है।
वैसे तो पुलिस रैश ड्राइविंग करने वालों पर लगाम सकने की बात बड़े दावे के साथ कहती है। लेकिन सच्च क्या है यह सभी जानते हैं। दो दिन पहले की बात है जब देर रात तेजी से आ रही गाड़ी के दूसरे वाहन से टकराने पर पहले तो हंगामा हुआ और बाद में रैश ड्राइविंग करने वाले ने पेचकस से वार करके एक युवक की हत्या कर दी।
देहरादून में यह कोई अकेला मामला नहीं है। जब रैश ड्राइविंग के चलते हुए हादसे में किसी की जान न गई हो। ऐसा आए दिन होता रहता है। देहरादून में रैश ड्राइविंग पर पुलिस लगाम लगाने में विफल है। पुलिस आए दिन ट्रैफिक नियमों के बारे में सचेत भी करती है। लेकिन रैश ड्राइविंग करने वाले कहां मानते है। पकड़े गए तो जुर्माना भर दिया और बात खत्म।
एस.पी. ट्रैफिक के दावों की मानें तो बीते नवंबर और दिसम्बर में कई बार रैश ड्राइविंग करने वाले युवाओं के खिलाफ अभियान चलाया गया था। यही नहीं, मोबाइल पर बात करने वालों का भी पुलिस पे चालान किया। दिसम्बर में पुलिस ने मोबाइल के 225 मामलों और नवंबर में 264 मामलों में चालान किए थे। कई पर तो मुकदमा भी दर्ज किया गया था। दिसंबर में तेजी से गाड़ी चलाने पर 38 और नवंबर में 35 पर मुकदमा दर्ज हुआ था।
हर दिन हो रहे 500 चालान
एस पी ट्रैफिक लोकेश्वर सिंह के अनुसार पूरे शहर में लगातार चेकिंग अभियान चल रहा है। प्रेमनगर और कुंआवाला, मसूरी और नया गांव में रात के समय रैश ड्राइविंग विरोधी अभियान चल रहा है। रोजाना 500 गाडियों का चालान काटा जा रहा है।