Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Mar, 2018 12:19 PM
पहाड़ों में एक तरफ जहां महिलाओं की जिंदगी वैसे ही कठिन है, वहां दूसरी तरफ स्वास्थ्य सुविधाओं का भी खस्ताहाल है। पहाड़ों में महिलाओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के दावे खोखले साबित हो रहे है।
चम्पावत(हरीश पाण्डेय): पहाड़ों में एक तरफ जहां महिलाओं की जिंदगी वैसे ही कठिन है, वहां दूसरी तरफ स्वास्थ्य सुविधाओं का भी खस्ताहाल है। पहाड़ों में महिलाओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के दावे खोखले साबित हो रहे है। जिला अस्पताल से रेफर गर्भवती महिला को ना तो जिला अस्पताल में पूरा उपचार मिल पाया और ना ही 108 सेवा की सुविधा। महिला को पिथौरागढ़ हायर सैंटर ले जाते समय निजी वाहन में ही डिलीवरी हो गई। इसके कारण मां और बच्चा दोनों की जान खतरे में आ गई।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को सुबह 4 बजे करीब 30 वर्षीय गर्भवती रेखा देवी को प्रसव पीड़ा के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। डॉक्टर और स्टॉफ ने भर्ती करने के कुछ समय बाद डिलीवरी में खतरा है कहकर चंपावत का एक अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन गर्भवती को निजी अस्पताल में ले जाने को तैयार भी हो गए लेकिन वहां भी डाॅक्टर नहीं था। परिजनों ने जिला अस्पताल से 108 की सुविधा मांगी परंतु 4 घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। महिला को 9 बजे के करीब प्राइवेट वाहन से पिथौरागढ हायर सेन्टर ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। इससे मां और बच्चे दोनों की जान खतरे में आ गई। इस बीच परिजनों ने बच्चे और मां को पिथौरागढ़ हायर सेंटर में पहुंचाया।
बता दें कि इस पूरे मामले में सीएमस आरके जोशी का कहना है कि गर्भवती को हल्का दर्द था। कुछ समय निगरानी में रखने के उपरान्त जब स्थिति नहीं संभली तो उन्हें निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया। इसके अतिरिक्त 108 सेवा का सवाल है तो लोहाघाट और चंपावत दोनों जगह की 108 सेवा व्यस्त थी, इसलिए समय से नहीं पहुंच पाई।