रूद्रप्रयाग:नहीं मिल रहा बाजार में उचित दाम, कहां बेचें माल्टा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 05:28 PM

malta crisis in rudraprayag of malta uttarkahnd

पहाड़ों में माल्टा पक कर तैयार है। लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण काश्तकारों को इसका उचित दाम नहीं मिल रहा है। इसके चलते काश्तकारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में माल्टा को पक्षी खा रहे हैं...

रुद्रप्रयाग/ब्यूरो।पहाड़ों में माल्टा पक कर तैयार है। लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण काश्तकारों को इसका उचित दाम नहीं मिल रहा है। इसके चलते काश्तकारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में माल्टा को पक्षी खा रहे हैं या फिर पेड़ों पर ही सड़ रहा है। प्रशासन द्वारा बनाए गए विपणन केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। 

रुद्रप्रयाग जिले में केदारघाटी, रानीगढ़, बच्छणस्यूं, दशूला, जखोली विकास खंड के कई गांवों में माल्टे का उत्पादन काफी होता है। इस साल रुद्रप्रयाग में करीब 588 मीट्रिक टन माल्टे का उत्पादन हुआ है, लेकिन सरकारी उदासीनता के चलते काश्तकारों को इसका सही मूल्य नहीं मिल रहा है।

 

जिसके चलते माल्टा या तो बिचौलियों के हाथों बिक रहा है यह फिर पेड़ों पर सड़ रहा है। काश्तकारों का कहना है कि इस वर्ष माल्टे का उत्पादन अच्छा हुआ है लेकिन सरकार द्वारा समय पर इसका समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया गया है।

वहीं पिछले साल का मूल्य बहुत कम है, जबिक कई गैर-सरकारी संस्थान 30-35 रुपये में माल्टा खरीद कर रहे हैं। वहीं रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्ड़ियाल का कहना है कि मेरे द्वारा जिले के कई गांवों में भ्रमण किया गया है, जिसमें माल्टों की पैदावार खूब पाई गई है लेकिन सरकार द्वारा इसका समर्थन मूल्य सही समय घोषित नहीं किया गया, जिस कारण काश्तकारों को परेशानी हो रही है। इस बावत जिला उद्यान अधिकारी से लगातार हमारा तालमेल बना हुआ है।

जिला उद्यान अधिकारी जी.एल मखन्वाल का कहना है कि उद्यान विभाग द्वारा तीनों विकास खंडों में विपणन केंद्रों की स्थापना की गई है लेकिन सरकारी मूल्य कम होने के कारण काश्तकार अपनी फसलों को नहीं दे रहे हैं।

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