Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Oct, 2017 10:25 AM
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि गरीबों को सस्ता राशन मुहैया करवाने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने एड़ी चोटी का जोर लगाया
देहरादून: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि गरीबों को सस्ता राशन मुहैया करवाने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने एड़ी चोटी का जोर लगाया, लेकिन सरकार के भ्रष्ट एवं निकम्मे अधिकारियों की वजह से प्रदेश में लगभग 3 लाख 7 हजार बीपीएल कार्डधारक को मिलने वाला खाद्यान्न माफियाओं के पास पहुंच गया।
आश्चर्य की बात यह है कि फरवरी माह 2011 से जुलाई 2012 तक इन 18 महीनों में भी विभाग कुम्भकर्णी नींद में सोया रहा तथा माफिया 5,45,776 खाद्यान्न डकारने में सफल हो गए। अधिकारियों को इस अतिरिक्त खाद्यान्न के कोटे के गेहूं/चावल को आबंटित करते समय समाचार पत्रों, हस्ताक्षर एवं फ्लैक्स के माध्यम से जानकारी दी जानी चाहिए थी।
सभी बीपीएल परिवारों को अतिरिक्त खाद्यान्न का वितरण किया जाना तथा सभी बीपीएल परिवार अपना अतिरिक्त खाद्यान्न ले लें, लेकिन सरकार ने ऐसा न करके माफियाओं को खुली छूट दे दी, जिसका नतीजा यह हुआ कि लाखों खाद्यान्न गरीबों में बंटने की बजाए माफियाओं के पास पहुंच गया। इस पूरे प्रकरण में सरकार को लगभग 81 करोड़ रुपए का चूना माफियाओं ने लगा दिया। इन 18 महीनों में जहां विभाग को 35 कि.ग्रा. प्रति राशन कार्ड के हिसाब से 1,93,456.620 मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण करना था, जिसके विपरीत विभाग ने 2,48,034.274 मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण कर दिया।
प्रश्न यह है कि आखिर 54,577.600 मीट्रिक टन खाद्यान्न कहां चला गया, जबकि बीपीएल परिवारों को प्रत्येक माह 35 कि.ग्रा. ही खाद्यान्न मिला। 4 माह कांग्रेस मुखिया बहुगुणा सरकार ने भी आंखों पर पट्टी बांध रखी है।