Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Mar, 2018 05:31 PM
उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने वीरवार काे 45 हजार 585 करोड़ का बजट पेश किया है जाे पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत ज्यादा है। बता दें कि यह बजट पहली बार गैरसैंण में पेश किया गया।
गैरसैंण(कुलदीप रावत): उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने वीरवार काे 45 हजार 585 करोड़ का बजट पेश किया है जाे पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत ज्यादा है। बता दें कि यह बजट पहली बार गैरसैंण में पेश किया गया। इसके अलावा बजट में सरकार ने अन्य याेजनाआें के लिए अलग से रुपयाें का प्रावधान किया है।
जानिए बजट में पेश विभिन्न विभागों से जुड़ी कुछ खास बातेंः-
- राज्य में ऑर्गेनिक हर्बल स्टेट बनाने के लिए1500 कराेड़ का बजट में प्रावधान।
- विधानसभा सचिवालय में विधानसभा स्थापना के लिए धनराशि की व्यवस्था।
- गैरसैंण में अंतर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शोध और प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना हेतु धनराशि की व्यवस्था।
- वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल बजट का 31.55 प्रतिशत वेतन भत्ते मजदूरी में होगा खर्च।
- ईवीएम एवं वीवीपैट के लिए 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- भोजन माताओं को वर्दी उपलब्ध कराने के लिए तीन करोड़ रुपए की धनराशि की गई मंजूर।
- आशा कार्यकर्त्ताओं एवं एएनएम वर्कर्स के लिए दुर्घटना बीमा योजना।
- मेट्रो रेल निर्माण के लिए 86 करोड़ रुपए की धनराशि।
- कामकाजी महिलाओं के बच्चों के देखभाल के लिए राष्ट्रीय क्रेच योजना के अंतर्गत 3 करोड़ 70 लाख धनराशि की व्यवस्था।
- राज्य में मातृ एवं शिशु कुपोषण रोकने के लिए 10 करोड़ 25 लाख 42 हजार की धनराशि
- BPL परिवारों के मुखिया हेतु आम आदमी बीमा योजना में 11 करोड़ 37 लाख 15 हजार की व्यवस्था।
- किसानों के लिए दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 30 करोड़ की व्यवस्था।
- सौंग बांध परियोजना हेतु 40 करोड रुपए की व्यवस्था।
- राज्य में उद्यमियों को निवेश के लिए 25 करोड़ रुपए की धनराशि की व्यवस्था।
- राज्य में पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन रोकने के लिए 15 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था
- पर्यटन बढ़ावा के लिए होम स्टे योजना को 15 करोड़ रुपए दिए गए।
रोटी, कपड़ा और किसान को समर्पित है यह बजटः वित्त मंत्री
बजट के दाैरान वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि ये बजट रोटी, कपड़ा और किसान को समर्पित है।
बजट पर क्या है सत्ता पक्ष और विपक्ष की राय
बजट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अपनी अलग-अलग राय दे रहें हैं। एक तरफ जहां सत्ता पक्ष के लाेग बजट काे संतुलित बता रहें हैं वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसे राज्य के विकास में महत्त्वपूर्ण नहीं बता रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार की कार्यशैली से यह साफ पता चलता है कि केवल नाम की ही डबल इंजन की सरकार चल रही है। राज्य में विकास के नाम पर कोई कार्य नहीं हुआ है।