Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Nov, 2017 11:38 AM
राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पॉल ने कहा कि विकास और पर्यावरण में संतुलन स्थापित करना होगा। ऐसी नीति अपनानी होगी जिससे हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आधारभूत आवश्यकताएं भी पूरी हों और पर्यावरण व जैव विविधता का संरक्षण भी सुनिश्चित...
देहरादून: राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पॉल ने कहा कि विकास और पर्यावरण में संतुलन स्थापित करना होगा। ऐसी नीति अपनानी होगी जिससे हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आधारभूत आवश्यकताएं भी पूरी हों और पर्यावरण व जैव विविधता का संरक्षण भी सुनिश्चित हो।
राज्यपाल ने कहा कि हिमालय केवल एक भू-स्थलाकृति ही नहीं है बल्कि यह मानव सभ्यता का महत्वपूर्ण केंद्र भी है। यहां हमारी सनातन धर्म व संस्कृति की धारा सदियों से प्रवाहित होती रही है। हिमालय का अध्ययन केवल एक भौगोलिक इकाई के वैज्ञानिक विश्लेषण तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड एक प्रमुख हिमालयी राज्य है। हर साल बादल फटने, भू-स्खलन जैसी दैवीय आपदाओं की घटनाएं हो रही हैं। अगर हमें यहां के वनों, नदियों, जीव-जंतुओं, जैव विविधता की रक्षा करनी है तो स्थानीय लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पलायन बड़ी समस्या है। राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण पहल करते हुए पौड़ी में पलायन आयोग स्थापित किया है।