बाल आयोग ने स्कूलों की दयनीय दशा पर जाहिर की चिंता, कहा- सुरक्षा बेहतर करने के हो इंतजाम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Mar, 2018 10:31 AM

child commission asked government to improve the safety of children in schools

उत्तराखंड के स्कूलों की दयनीय दशा पर चिंता जाहिर करते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सोमवार को राज्य सरकार से पहाड़ों में स्थित विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र द्वारा जारी दिशा निर्देश लागू करने को कहा है।

देहरादून: उत्तराखंड के स्कूलों की दयनीय दशा पर चिंता जाहिर करते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सोमवार को राज्य सरकार से पहाड़ों में स्थित विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र द्वारा जारी दिशा निर्देश लागू करने को कहा है। आयोग ने सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा बेहतर करने के लिए कुछ उपाय तत्काल किए जाने का सुझाव भी दिए हैं।

सुरक्षा बेहतर किए जाने के दिए सुझाव 
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूरी ने कहा कि राज्य के गठन के 18 साल बाद भी उत्तराखंड के सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों खासतौर से पहाडों में स्थित स्कूलों की दशा बहुत खराब है। आयोग को इस संबंध में शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं और उसके अपने सर्वेक्षणों में भी इस बात की पुष्टि होती है। उन्होंने कहा कि स्कूलों का संचालन खस्ताहाल इमारतों में हो रहा है जिससे बच्चों के जीवन को खतरा है और विद्यालयों को जाने वाली सड़कें भी इतनी असुरक्षित हैं कि उन्हें हमेशा फिसलने या तेंदुए जैसे जंगली जानवरों के हमले का डर बना रहता है।

बाल आयोग के अध्यक्ष ने मुख्य सचिव के लिखा
पत्र
इस संबंध में मुख्य सचिव उत्पल ​कुमार सिंह को लिखे एक पत्र में खंडूरी ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए तत्काल किए जाने वाले 19 उपायों की सूची भी दी है। इन उपायों में हर स्कूल में दो गेट होने, फस्र्ट एड बाक्स होने तथा दो मंजिला इमारतों में सीढियों पर रेलिंग होने की बात भी कही गई है। खंडूरी ने इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 2014 में जारी दिशा निर्देशों का भी जिक्र किया है।  

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!