Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 12:18 PM
आपदा आने के बाद से गंगोत्री-यमुनोत्री धामों में इस साल यात्रियों की संख्या किसी रिकार्ड से कम नहीं रही। इस साल मई माह में दोनों धामों के कपाट खुलने के बाद से करीब 8 लाख से अधिक यात्री धाम में दर्शन के लिए पहुंचे। शीतकाल के लिए धामों के कपाट बंद होने...
उत्तरकाशी: आपदा आने के बाद से गंगोत्री-यमुनोत्री धामों में इस साल यात्रियों की संख्या किसी रिकार्ड से कम नहीं रही। इस साल मई माह में दोनों धामों के कपाट खुलने के बाद से करीब 8 लाख से अधिक यात्री धाम में दर्शन के लिए पहुंचे।
शीतकाल के लिए धामों के कपाट बंद होने के बाद गंगोत्री-यमुनोत्री में सन्नाटा पसरने लगा है। यहां से लोग अब घाटी का रुख करने लगे हैं। दोनों धामों के कारोबारियों ने भी कपाट बंद होने के बाद अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट बंद होने के बाद ऊपरी हिमालय में ठंड जहां बढने लग जाती है तो वहीं मौसम के बदलते ही बर्फ बारी की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए इन क्षेत्रों के लोग शीतकाल में घाटी की ओर रुख करने लगे हैं। इस बार की यात्रा से दोनों धामों के तीर्थ पुरोहितों समेत कारोबारियों के चेहरे जरूर खिले हैं, क्योंकि 2011 के बाद इस साल दोनों धामों में काफी भीड़ देखी गई।