Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Mar, 2018 01:09 PM
उत्तराखंड में स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं पर लगातार सवाल खड़े हो रहे है। अस्पताल में डॉक्टरों और एंबुलेंस जैसी जरूरी सेवाओं की कमी देखने को मिल रही है, जिसके कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पिथौरागढ़ः उत्तराखंड में स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं पर लगातार सवाल खड़े हो रहे है। अस्पताल में डॉक्टरों और एंबुलेंस जैसी जरूरी सेवाओं की कमी देखने को मिल रही है, जिसके कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसमें सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ रही है। पिछले 2 दिनों में यह एेसी दूसरी घटना है जब एंबुलेंस की सेवा ना मिलने पर पिथौरागढ़ की 2 गर्भवती महिलाओं ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दिया।
जानकारी के अनुसार, पहला मामला चंपावत से करीब 15 किलोमीटर दूर मौन पौखरी गांव का है जहां रेखा देवी नाम की महिला को 3 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा लेकिन इसके उपरान्त भी अस्पताल में उन्हें कोई डॉक्टर नहीं मिला। फिर एंबुलेंस की सुविधा ना मिलने पर उन्हें एक निजी वाहन में चंपावत से पिथौरागढ़ जाना पड़ा जहां रास्ते में ही उन्होंने बच्चे को जन्म दे दिया।
वहीं दूसरा मामला शनिवार का है, जहां सुखीधाग गांव की कलावती देवी के भी एंबुलेंस की सुविधा ना मिलने पर निजी वाहन से टनकपुर ले जाया गया, जहां रास्ते में ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया।