Edited By ,Updated: 22 Apr, 2017 12:35 PM
इलाहाबाद के कोरांव में पेयजल समस्याएं लगातार बढ़ रही है। आलम यह है कि तहसील प्रशासन द्वारा मांगे गए 31 टैंकरों की जगह केवल....
इलाहाबाद/कोरांवः इलाहाबाद के कोरांव में पेयजल समस्याएं लगातार बढ़ रही है। आलम यह है कि तहसील प्रशासन द्वारा मांगे गए 31 टैंकरों की जगह केवल 3 टैंकर ही पहुंचे। यह देख तहसील प्रशासन के सामने समस्या खड़ी हो गई कि कम मात्रा में मिले टैंकर आखिर किन गावों को दिए जाए, क्योंकि एक दर्जन से अधिक गांवों में पेयजल के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है।
हर साल अप्रैल में सूख जाते है कुएं और हैंडपंप
दरअसल कोरांव तहसील में लगभग 20 वर्षों से गांवों से कटकर बस चुकी अधिकतर बस्तियों में अप्रैल शुरू होते ही पेयजल के लिए हाय तौबा मच जाता है। हैण्डपम्प और कुंए मार्च तक लोगों को पानी पिलाने में मदद कर रहे थे, वही कुएं और हैंडपंप अप्रैल के खत्म होते-होते पूरी तरह सूख जाते हैं।
नई सरकार किसके हाथ सौंपेगी ये काम मालूम नहींः जेई
पिछले दिनों जल निगम यांत्रिक शाखा ने हर ग्राम पंचायतों सहित नगर पंचायतों से पुराने हैंडपंपों के साथ रिबोर और नए हैण्ड पम्पों की कार्ययोजना में शामिल करने के लिए सूची मांगी, लेकिन यह निश्चित नहीं हुआ कि कार्ययोजना में शामिल होने जा रहे रिबोर तथा नए हैण्डपम्पों को कबतक स्थापित किया जाएगा। इस सम्बन्ध में जल निगम के जेई रोहित मिश्र ने बताया कि अभी तक नई सरकार द्वारा यह तय नही हुआ है कि नए हैण्ड पम्पों का सृजन सांसद अथवा विधायक किसके द्वारा कराया जाएगा। हालांकि कुछ रिबोर और ओवर हैण्डटैंकों के लिए धन मिलने की बात बताई जा रही है।