वक्फ बोर्ड की आमदनी बढ़ा तलाकशुदा महिलाओं की मदद करेगी योगी सरकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jul, 2017 02:16 PM

yogi sarkar will help divorced women to raise income of waqf board

उत्तर प्रदेश सरकार वक्फ बोर्ड की आमदनी बढ़ाकर तलाकशुदा महिलाओं की मदद करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार वक्फ बोर्ड की आमदनी बढ़ाकर तलाकशुदा महिलाओं की मदद करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण और हज राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि उनकी सरकार वक्फ बोर्ड की आमदनी बढ़ाकर तलाक से पीड़ित महिलाओं की मदद करेगी। उनका कहना था कि उनसे कई ऐसी महिलाएं मिली हैं जिनकी जिन्दगी तलाक की वजह से तबाह हो गई है। इसमें कई महिलाएं सिलाई और दूसरों के यहां काम कर अपनी और अपने बच्चों की परवरिश कर रही हैं।

रजा ने कहा कि वक्फ बोर्ड की आमदनी बढ़ते ही तलाक पीड़ित महिलाओं के बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी और उन्हें अच्छे स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा। प्रेरित किया जाएगा कि ऐसी महिलाएं और उनके बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। अल्पसंखयक कल्याण राज्यमंत्री ने कहा कि शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। शिया वक्फ बोर्ड को तो भ्रष्टाचार ने खोखला कर दिया है। अरबों की सम्पत्ति का मालिक शिया वक्फ बोर्ड के खाते में 5 लाख रुपए भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की जांच तो होगी ही, साथ में आमदनी बढ़ाकर तलाक से पीड़ित महिलाओं और उनके बच्चों की परवरिश में मदद की जाएगी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर वक्फ बोर्ड की अरबों रुपये की जमीन कौडियों के भाव हाल ही में बेच दी गई। सरकार इसकी भी जांच कराएगी। रजा ने कहा कि दोनो वक्फ बोर्ड में भारत के वित्त नियंत्रक और महालेखापरीक्षक से आडिट कराने का निर्णय लिया गया है। भ्रष्टाचार की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जाएगी। इन दोनों जांचों में दूध का दूध- पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों को जेल जाना ही पड़ेगा। समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता आज़म खान पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए रजा ने कहा कि जांच तो  आज़म की भी होगी। जिसने भी वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियों को खुर्द बुर्द किया है, वे बचेंगे नहीं।

रजा ने कहा कि वक्फ बोर्ड के कार्यालय लूट के अड्डे बन गए हैं। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप हैं। कई मुकदमें दर्ज हैं, लेकिन वह अभी तक अपने सियासी रसूख की वजह से बचते रहे। इस बार जांच में वह बच नहीं पाएंगे क्योंकि जांच के दायरे में उनके संरक्षक आज़म खान भी आ रहे हैं।

एक सवाल के जवाब में हज राज्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में शिया वक्फ बोर्ड के 6 सदस्यों ने अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ से स्थगनादेश लेने का ढ़िढोरा पीटा था, जबकि सच्चाई यह है कि योगी सरकार बनने पर एक सामान्य आदेश से सभी मनोनयन निरस्त कर दिए गए थे। वक्फ बोर्ड में भी यही आदेश लागू होना चाहिए था। इसके लिए न तो अलग से आदेश किया जाना था और न ही किया गया।

रजा ने कहा कि अलग से आदेश नहीं होने पर स्थगनादेश का सवाल कहां पैदा होता है। उन्होंने कहा कि बोर्ड का कार्यकाल 2019 तक है। इसके पहले ही भ्रष्टाचारी बोर्ड से बाहर होंगें। उनका दावा था कि कई बार तो 12 बजे तक कार्यालय के ताले ही नहीं खुलते। उन्होंने कई बार चेक किया तो अब जाकर स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है।

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