Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jun, 2017 11:42 AM
सूबे की योगी सरकार ने शिया वक्फ बोर्ड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बोर्ड के 6 सदस्यों को पद से हटा दिया है...
लखनऊः सूबे की योगी सरकार ने शिया वक्फ बोर्ड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बोर्ड के 6 सदस्यों को पद से हटा दिया है। इन सदस्यों में पूर्व राज सभा सांसद अख़्तर हसन रिज़वी, मुरादबाद की सैयद वाली हैदर, मुज़फफरनगर का अफशा ज़ैदी, बिरली के सय्यद अजीम हुसैन, शासन में विशेष सचिव नजमुल हसन रिज़वी और आलिमा ज़ैदी शामिल हैं। उन्हें पूर्व की सपा सरकार ने मई 2015 में नामित किया था।
जांच में जद है आजम खान
जानकारी के मुताबिक वक्फ बोर्ड की CBI जांच की जद में आज़म खान और उनकी पत्नी आनेे जौहर यूनिवर्सिटी में वक्फ के जमीन को रजिस्ट्री करना और प्रभाव का इस्तेमाल करने के लिए शत्रु संपत्ति को जौहर विश्वविद्यालय में शामिल करने के मामले में CBI आज़म खान की भूमिका जांच करेगी।
योगी सरकार के आदेश पर CBI जांच
सेंट्रल वक्फ कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार आज़म खान की भूमिका पर जो सवाल उठाए गए हैं , उसी की रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने वक्फ बोर्ड की CBI की जांच के आदेश दिए हैं। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वासीम रेजवी के अनुसार यदि सरकार ऐसा कोई भी निर्णय लेना चाहती है, तो इसके लिए वो अदालत का दरवाजा खटखटएंगेगे।
गौरतलब है कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि वक्फ बोर्डों के खिलाफ हजारों शिकायतें आ रही हैं। इन मामले पर भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर लोग लगातार आ रहे हैं न सिर्फ वक्फ बोर्ड के सदस्यों पर बल्कि उनके चेयरमैन पर भी भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप है। अल्पसंख्यक मंत्री के मुताबिक मोहसीन रजा पर अनर्गल और गलत आरोप लगाए गए हैं जिसमें कोई तथ्य नहीं है।
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