Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Nov, 2017 02:13 PM
यूपी निकाय चुनाव को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी भारतीय जनता पार्टी सरकार की पहली अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। करीब 8 महीने पहले बनी योगी सरकार के कार्यकाल में यह पहला सबसे बड़ा चुनाव होगा...
लखनऊः यूपी निकाय चुनाव को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी भारतीय जनता पार्टी सरकार की पहली अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। करीब 8 महीने पहले बनी योगी सरकार के कार्यकाल में यह पहला सबसे बड़ा चुनाव होगा।
बता दें कि नगरीय निकाय में 16 नगर निगम, 198 नगरपालिका और 438 नगर पंचायतें हैं। चुनाव 3 चरणों में 22, 26 और 29 नवंबर को होंगे। मतगणना एक दिसंबर को होगी। अग्निपरीक्षा में सफल होने के लिए सीएम योगी ने अपनी पार्टी भाजपा का प्रचार अभियान खुद ही संभाल रखा है।
वह संभवत 15 नवंबर को अयोध्या नगर निगम के चुनाव प्रचार से इस अभियान की शुरुआत करेंगे। हालांकि राज्य की प्रमुख विपक्षी समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के बड़े नेताओं के प्रचार अभियान में भाग लेने की कोई निश्चित रुपरेखा अभी तय नहीं है, लेकिन सपा, बसपा और कांग्रेस नेताओं के अनुसार इन पार्टियों के वरिष्ठ नेता भी प्रचार अभियान का हिस्सा बनेंगे।
प्रत्येक नगर निगम क्षेत्र में एक सभा आयोजित किए जाने की योजना है। 16 नगर निगम हैं, इसलिए माना जा रहा है कि सीएम योगी कम से कम 16 सभाओं को संबोधित करेंगे। वहीं इस चुनाव में पहली बार सभी दल अपने-अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ रहे हैं। बसपा पहली बार नगर निकाय चुनाव अपने चिन्ह हाथी पर लड़ रही है। इससे पहले चुनाव में वह प्रत्याशियों को समर्थन देती थी, लेकिन इस बार वो पहली बार मैदान में हैं।