Edited By ,Updated: 02 May, 2017 12:44 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारी की 5वीं कैबिनेट बैठक मंगलवार को होने जा रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने आज माल एवं सेवा कर विधेयक (जीएसटी) को मंजूरी दे दी और इसे राज्य विधानमण्डल के आगामी सत्र में पारित कराया जाएगा। एेसा करने वाला वह पांचवां राज्य होगा।
प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट ने जीएसटी को अनुमोदित कर दिया है। इसे आगामी 15 मई से शुरू हो रहे विधानमण्डल सत्र में पारित कराया जाएगा। झारखण्ड, तेलंगाना, बिहार तथा राजस्थान के बाद जीएसटी को अनुमोदित करने वाला उत्तर प्रदेश एेसा पांचवां राज्य होगा।
उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने से प्रदेश में राजस्व बढऩे की संभावना है। अगर इसकी वजह से किसी भी प्रकार राजकोष पर भार पड़ता है तो सरकार अगले पांच साल तक उसकी भरपाई कराएगी। हालांकि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
मालूम हो कि जीएसटी को पिछले महीने संसद में पारित कराया गया था। राष्ट्रपति की मंजूरी के लिये भेजे गये इस कानून को आगामी एक जुलाई से लागू किये जाने का इरादा है। देश की कराधान व्यवस्था में बड़े बदलाव के तौर पर देखे जा रहे जीएसटी से वस्तुआें तथा सेवाआें के लिये कर प्रणाली में एकरूपता आयेगी।
जीएसटी करीब 10 साल पहले लागू की गयी मूल्यवद्र्धित कर प्रणाली (वैट) की जगह लागू किया जाएगा। वैट से पहले वाणिज्य कर की वसूली की जाती थी। करीब 10 साल से तैयार किये जा रहे जीएसटी को आजादी के बाद देश के सबसे बड़े कराधान सुधार कदम के तौर पर देखा जा रहा है। इसमें केन्द्रीय आबकारी कर, सेवा कर तथा वैट एवं अन्य स्थानीय लेवी को समाहित कर दिया गया है। माना जा रहा है कि जीएसटी लागू होने से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी और देश के आर्थिक विकास में भी एक से दो प्रतिशत तक का इजाफा होगा।