Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Mar, 2018 11:15 AM
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5 शहरों के विद्युत वितरण का निजीकरण किए जाने के फैसले से गुस्साए बिजली कर्मचारियों ने कई जिलों में विरोध सभा कर नारेबाजी की। लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ, मुरादाबाद, गाजियाबाद, कानपुर और कई अन्य जनपदों में बिजली कर्मचारियों...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5 शहरों के विद्युत वितरण का निजीकरण किए जाने के फैसले से गुस्साए बिजली कर्मचारियों ने कई जिलों में विरोध सभा कर नारेबाजी की। लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ, मुरादाबाद, गाजियाबाद, कानपुर और कई अन्य जनपदों में बिजली कर्मचारियों और अभियन्ताओं ने कार्यालयों के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किए। लखनऊ में मध्यांचल मुख्यालय पर कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं का दिनभर विरोध प्रदर्शन चलता रहा।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र की केन्द्रीय समिति की लखनऊ में हुई आपात बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि प्रदेश सरकार विद्युत वितरण के निजीकरण का फैसला वापस नहीं लेती तो आगामी 27 मार्च को प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम कर्मचारी व अभियन्ता एक दिन का कार्य बहिष्कार करेंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार और प्रबन्धन की होगी।
संघर्ष समिति ने यह भी निर्णय लिया कि इसके पहले 19 मार्च को प्रदेश भर में जनपद एवं परियोजना स्तर पर सायं 3 बजे से 5 बजे तक विरोध सभाए की जाएंगी। समिति ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि निजीकरण का निर्णय वापस न लिया गया तो बिजली कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।