Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 09:50 AM
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर अवैध खनन रोकने के नाम पर किसानों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। इसके बाद विपक्ष ने विधानसभा से बहिर्गमन किया।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर अवैध खनन रोकने के नाम पर किसानों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। इसके बाद विपक्ष ने विधानसभा से बहिर्गमन किया।
जानकारी के अनुसार सपा के पारसनाथ यादव ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी (सपा) और कांग्रेस के नेता अजय कुमार लल्लू ने उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि घरेलू उपयोग के लिए अपने ही खेत से मिट्टी खनन कर रहे किसानों का अवैध खनन रोकने के नाम पर उत्पीड़न किया जा रहा है। चौधरी और लल्लू ने कहा कि पुलिस किसानों का उत्पीड़न कर रही है और उनसे धन वसूल रही है।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि किसानों द्वारा उनके खेतों से मिट्टी खनन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वे 10 ट्राली मिट्टी खोद सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक सरकारी आदेश जारी किया जा रहा है। खन्ना के जवाब से असंतुष्ट सपा एवं कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। उन्होंने सरकार पर किसानों के प्रति संवेदनहीन होने का आरोप मढ़ा। प्रश्नकाल के बाद भी यह मुद्दा उठा।
संसदीय कार्य मंत्री खन्ना ने कहा कि एक कैलेण्डर वर्ष में 10 ट्राली मिट्टी निकालने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सूचना देकर इसके (10 ट्राली के) बाद 20 रूपए प्रति क्यूबिक मीटर के हिसाब से जमा कर, जितनी चाहे मिट्टी ले सकते हैं। उन्होंने सदस्यों से कहा कि इसे लेकर अगर किसी के खिलाफ तथ्य या तर्क हो तो भिजवा दें, हम कार्रवाई जरूर करेंगे। इस सवाल पर किसान किसे सूचना देने जाएं, खन्ना ने कहा कि किसान तहसीलदार, जिलाधिकारी एवं एसडीएम को सूचना दे सकते हैं।
चौधरी ने आरोप लगाया कि किन्हीं कारणों से कुछ संस्थाएं तरह तरह के हथकंडे अपनाकर किसानों को उनके हक से वंचित करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि किसान अगर घरेलू उपयोग के लिए मिट्टी खनन करे तो पुलिस का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि गांव के लोगों को कोई अधिकारी या पुलिस परेशान ना करें, ऐसा सुनिश्चित कराया जाना चाहिए।