CM योगी के ये मंत्री हुए बागी, अपनी ही सरकार के खिलाफ की धरने की घोषणा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jul, 2017 03:18 PM

yogi  s minister op rajbhar sitting on the dock

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार में शामिल सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (भासपा) के अध्यक्ष और....

गाजीपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार में शामिल सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (भासपा) के अध्यक्ष और सूबे के पिछड़ा वर्ग तथा विकलांग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए आगामी 4 जुलाई से यहां धरना देने की घोषणा की है।

राजभर ने कहा कि मैं गठबंधन सरकार का जिम्मेदार मंत्री हूं। मेरे जिले में ही जब मेरी नहीं सुनी जा रही है तो दूसरे जिलों के कार्यकर्त्ताओं का मैं क्या काम करवा पाऊंगा। मैंने जिलाधिकारी से अब तक 19 काम कहे हैं, लेकिन उन्होंने एक भी काम नहीं किया है। मैं इसके खिलाफ 4 जुलाई से धरने पर बैठूंगा। मंत्री ने कहा कि मैंने इस सम्बन्ध में 25 जून को भाजपा के प्रदेश महासचिव (संगठन) सुनील बंसल से मुुलाकात की। बंसल ने मुख्यमंत्री से मिलने की सलाह दी। 27 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्हें एक-एक चीज की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने उन्हें गौर से सुना, लेकिन गाजीपुर के प्रभारी मंत्री बृजेश पाठक से मिलने के लिए कहा। बृजेश पाठक से मिलकर सिलसिलेवार हर चीज की जानकारी दी, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं हुआ। गाजीपुर के ही जहूराबाद क्षेत्र से विधायक राजभर ने कहा कि उन्हें ताज्जुब हो रहा है कि जनहित के 19 कामों के लिए जिलाधिकारी से कहा गया, लेकिन एक भी काम नहीं हुआ। उनका आरोप था कि जिलाधिकारी भ्रष्टाचार को बढावा दे रहे हैं और बार-बार कहते हैं कि जब उनका समाजवादी पार्टी सरकार में कुछ नहीं हुआ तो इसमें लोग क्या कर पाएंगे। उनका कहना था कि जिलाधिकारी को कहीं से राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है इसीलिए वह जनभावनाओं का लगातार निरादर कर रहे हैं।

राजभर ने कहा कि बरदा विकास खंड पर कार्यरत शिक्षा अधिकारी की बहुत शिकायतें थीं। कार्यकर्त्ताओं ने उसके जांच की बात की। जांच तो नहीं हुई बल्कि जिलाधिकारी ने उसको एक विकास खंड का और प्रभार दे दिया। कासिमाबाद के उप जिलाधिकारी को 4 दिन पहले लाया गया और 2 दिन बाद ही हटा दिया गया। जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं का उन पर लगातार दबाव है इसलिए वह चार जुलाई से धरने पर बैठेंगे।

उधर, जिलाधिकारी संजय खत्री ने कुछ भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। खत्री नेे फोन पर कहा कि मैं क्या बताऊं, मुझे नहीं बोलना चाहिए। मेरा बोलना ठीक भी नहीं है। दूसरी ओर, गाजीपुर के लोगों का कहना है कि ओम प्रकाश राजभर और केन्द्रीय मंत्री तथा स्थानीय सांसद मनोज सिन्हा के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंदिता हैै। स्थानीय अधिकारियों पर सिन्हा का प्रभाव ज्यादा है। भाजपा के ही एक नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सिन्हा भासपा से गठबंधन के खिलाफ थे। वह चाहते थे कि भाजपा अपनी पार्टी के राजभर नेताओं को आगे बढ़ाए।

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