Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jun, 2017 12:31 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ईदगाह नहीं जाने की वजह से आज वर्षों पुरानी परम्परा टूट गई।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ईदगाह नहीं जाने की वजह से आज वर्षों पुरानी परम्परा टूट गई। ईद के मौके पर मुख्यमंत्रियों के ऐसबाग ईदगाह जाने की परम्परा रही है, लेकिन योगी के वहां नहीं जाने की वजह से यह परम्परा टूट गई। हालांकि राज्यपाल राम नाईक, उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ईदगाह जाकर लोगों को ईद की बधाई दी और लोगों से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर रमजान के दौरान रोजा इफ्तार पार्टी दिए जाने की भी परम्परा को योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा। परम्परा के अनुसार रमजान में एक दिन मुख्यमंत्री की ओर से रोजा इफ्तार की पार्टी दी जाती थी लेकिन इस बार वह पार्टी नहीं हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजभवन में गत 23 जून को आयोजित इफ्तार पार्टी में भी नहीं शामिल हुए थे लेकिन उनके प्रतिनिधि के तौर पर उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा और कई मंत्री राजभवन की इफ्तार पार्टी में शिरकत किया था। इस बीच, राज्य के अन्य इलाकों से ईद हर्षोल्लास और परम्परागत तरीके से मनाई गई।
महीने भर रोजा रखने के बाद लोगों ने ईद के मौके पर जमकर सेवईयां चखीं। लखनऊ के ऐसबाग ईदगाह पर मुख्य नमाज अता की गऊ। हजारों नमाजियों ने इसमें शामिल होकर देश की सलामती के लिए भी दुआ की। सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त के बीच ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज अता करने के बाद लोग एक दूसरे के गले मिले और उन्हें ईद की बधाई दी।
मऊ से मिली सूचना के अनुसार वहां के एक गांव में लोगों ने काली पट्टी बांधकर नमाज अता की। नसीरपुर गांव में स्थित मस्जिद में पिछले सप्ताह एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। धार्मिक स्थल में मांस के टुकड़े फेंककर साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश की गई थी। इसका विरोध करते हुए नमाजियों ने काली पट्टी बांधी। गांव के ईदगाह पर मेला भी नहीं लगा।