5 साल से पति के हमशक्ल के साथ रह रही थी महिला, जब असली से हुई भेंट तो उड़ गए होश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 04:03 PM

woman was living with her husband ambition when meet real

मिर्जापुर के चुनार क्षेत्र के पतलुकिया गांव में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां रील लाइफ की फिल्मों जैसा हूबहू मामला रियल लाइफ में कौतूहल का विषय बना रहा। दरअसल यहां हर किसी के मन में असली और नकली घूरन की पहचान को लेकर कई सवाल थे....

मिर्जापुरः मिर्जापुर के चुनार क्षेत्र के मंगरहा गांव में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां रील लाइफ की फिल्मों जैसा हूबहू मामला रियल लाइफ में कौतूहल का विषय बना रहा। दरअसल यहां हर किसी के मन में असली और नकली घूरन की पहचान को लेकर कई सवाल थे। जिसे देखो घूरन के गांव लौटने की खबर मिलते ही माधव के घर की तरफ चले जा रहा था। खैर देर शाम तक पंचायत के बाद ही असली घूरन पर फैसला हो पाया।

25 साल बाद घर पहुंचा असली घूरन, मची सनसनी
जानकारी के मुताबिक 25 वर्ष पूर्व घर से भाग चुका माधव का बेटा सरोज उर्फ घूरन अपने घर लौटा था। घर आते ही उसे मालूम पड़ा कि उसकी जगह कोई दूसरा व्यक्ति बतौर घूरन 5 साल से उसी के घर में रह रहा है। जिसके बाद आसपास के लोगों में यह बात सनसनी की तरह फैल गई। आलम यह रहा कि लोग काम पर गए घूरन की तलाश करने लगे। पहले से रह रहे तथाकथित घूरन को लाया गया, जिसके बाद घूरन की पत्नी नेमावती व बेटे राजेश ने दोनों में से किसी के भी साथ रहने से साफ मना कर दिया।

अलसी-नकली के लिए बुलाई गई पंचायत
वहीं घर पहुंचे घूरन ने लोगों को बताया कि घर छोड़ने के बाद वह इलाहाबाद चला गया था, जहां विवाद होने पर हथौड़े से एक व्यक्ति के सर पर वार कर दिया। उसकी हत्या के मामले में 20 वर्ष की सजा भुगत जेल से छूटा, तो ई-रिक्शॉ खरीद वाराणसी तक आया। उसने कहा कि घर पहुंचने से पहले वाराणसी के लोहता में रहने वाले मामा से मिलने पहुंच गया। जहां मामा ने पूरी कहानी बताई कि किस तरह वहां कोई और हमशक्ल रह रहा है।

पंचायत ने सुनाया फैसला
बाकायदा घूरन मामले में पंचायत बिठाई गई। जहां घूरन के हमशक्ल की एक आंख खराब होने पर लोगों ने सवाल खड़े किए, तो उसने दुर्घटना में एक आंख खराब हो जाने की जानकारी दी। वह खुद को असली घूरन बता रहा था, लेकिन घंटों चली पंचायत के बाद पंचों ने उसके दावे को झूठा पाया।

ज्यादा कर्ज से परेशान छोड़ा था घर 
दरअसल लकड़ी का कारोबारी घूरन ज्यादा कर्ज होने के बाद तनावग्रस्त होकर बिना बताए गांव छोड़ दिया था। परिजनों ने उसकी बहुत तलाश की, लेकिन पता नहीं चल सका। लेकिन इसी बीच 5 साल पहले हूबहू घूरन जैसे शक्स ने यहां डेरा जमा लिया था।वहीं 20 साल की सजा काटने के बाद बेटे को देखने के मोह में असली घूरन वापस गांव आ गया और उसके आते ही गांव में असली-नकली को लेकर चर्चा जोरों पर रही।


 

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