Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Feb, 2018 12:49 PM
पारिवारिक कलह में सबसे ज्यादा राजनीतिक नुकसान झेलने वाले सपा नेता शिवपाल सिंह यादव विधानसभा चुनावों से पहले अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर फैसला करेंगे। अपने निर्वाचन क्षेत्र जसवंतनगर के कद्दावर नेता अजेंद्र सिंह गौर के पुत्र के विवाह समारोह में शामिल...
इटावा: पारिवारिक कलह में सबसे ज्यादा राजनीतिक नुकसान झेलने वाले सपा नेता शिवपाल सिंह यादव विधानसभा चुनावों से पहले अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर फैसला करेंगे। अपने निर्वाचन क्षेत्र जसवंतनगर के कद्दावर नेता अजेंद्र सिंह गौर के पुत्र के विवाह समारोह में शामिल होने सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि वह अभी ज्यादा चिंतित नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के चुनावों में 4 साल हैं। प्रदेश के लोगों की नब्ज पर नजर रख रहे हुए हैं तथा विधानसभा चुनाव से पूर्व कोई भी फैसला करेंगे।
एक सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि अभी तो लखनऊ जा रहा हूं। जहां तक किसी दल में शामिल होने का सवाल है तो वह सब अफवाहें हैं। मैं समाजवादी पार्टी का विधायक हूं और चुनाव आने पर ही कोई निर्णय लूंगा। राजस्थान उपचुनाव में भाजपा की करारी हार पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी फिर से लोगों की पसन्द बन रही है। आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बजट किसानोन्मुखी नहीं है और यह झूठ का पिटारा है। विधानसभा चुनावों में किसानों के सभी कर्ज माफ करने का वादा करने वाली भाजपा ने उत्तर प्रदेश में सत्ता में आते ही वादा खिलाफी की और कर्जमाफी के नाम पर छलावा किया।
उन्होंने कहा कि बजट में रबी की फसलों का लागत से डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का प्रस्ताव केवल चुनावी स्टंट साबित होगा। किसान देश भर में बर्बाद हो गया है। आलू , गेहूं, लहसुन, चना के भाव किसानों को रुला रहे हैं। जीएसटी से व्यापारी परेशान हैं, नोटबन्दी से देश की आर्थिक विकास दर गिर गई है। मध्यवर्ग को टैक्स छूट में भी राहत नहीं दी गई है। भाजपा राज में उत्तर प्रदेश के थाने और तहसीलें लूट एवं रिश्वतखोरी के अड्डे बन गए हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था भी चरमरा गई है।