Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Dec, 2017 07:56 PM
उत्तर प्रदेश में जानलेवा प्रदूषण थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमाम सरकारी दावों और कोशिशों के बीच स्थिति यह है कि गुरुवार को देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में यू.पी. के 5 शहर ...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जानलेवा प्रदूषण थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमाम सरकारी दावों और कोशिशों के बीच स्थिति यह है कि गुरुवार को देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में यू.पी. के 5 शहर टॉप पर हैं।
देश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नैशनल एयर क्वालिटी इंडैक्स (ए.क्यू.आई.) द्वारा रोजाना जारी आंकड़ों में गुरुवार को राजधानी लखनऊ समेत वाराणसी, गाजियाबाद, कानपुर और नोएडा सबसे प्रदूषित शहर हैं। स्थिति यह है कि 457 ए.क्यू.आई. के चलते वाराणसी देश में सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। वहीं गाजियाबाद 449 ए.क्यू.आई. के साथ देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है।
इसके अलावा कानपुर में ए.क्यू.आई. 432 आया है, वहीं राजधानी लखनऊ में 428 ए.क्यू.आई. के चलते यह देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर है। इसके अलावा एन.सी.आर. क्षेत्र में आने वाले प्रदेश के नोएडा में 408 ए.क्यू.आई. आया है। बता दें कि वायु प्रदूषण में सबसे खतरनाक स्तर 400 ए.क्यू.आई. के बाद माना जाता है। ऐसा नहीं है कि इस खतरनाक स्थिति से सभी अनजान हैं। यू.पी. विधानसभा में उठे प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों से जुड़े सवाल पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जवाब देना पड़ा।
मामले में विभागीय मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी प्रदूषण रोकने के लिए अपने विभागीय सहित संबंधित विभागों और यू.पी. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए जाने की जानकारी दी, लेकिन उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और संबंधित विभाग पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ता दिख रहा है।