Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jan, 2018 12:34 PM
विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों के लिए दिए जाने पद्म पुरस्कारों की घोषणा गुरुवार (25 जनवरी) को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की गई है। इस बार हुए पुरस्कारों की घोषणा में वाराणसी के प्रोफेसर वागीश शास्त्री का नाम शामिल है। बता...
वाराणसीः विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों के लिए दिए जाने पद्म पुरस्कारों की घोषणा गुरुवार (25 जनवरी) को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की गई है। इस बार हुए पुरस्कारों की घोषणा में वाराणसी के प्रोफेसर वागीश शास्त्री का नाम शामिल है। बता दें कि हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरस्कारों का ऐलान किया जाता है। इस साल पद्म सम्मान के लिए नॉमित शख्सियतों को गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सम्मानित किया जाएगा।
इसकी जानकारी होने के बाद प्रो त्रिपाठी ने कहा कि मैं भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं जो उन्होंने मेरी साधना को समझा और मुझे इस सम्मान को देने के काबिल समझा। बता दें कि प्रो. त्रिपाठी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्कृत साहित्यकार, वैयाकरण, भाषावैज्ञानिक, योगी और तंत्रवेत्ता के रूप में प्रसिद्ध हैं।
84 वर्षीय प्रो. त्रिपाठी का जन्म मध्य प्रदेश के सागर जनपद के बिलइया गांव में हुआ था। इन्होंने 1959 ई में वाराणसी के टीकमणी संस्कृत महाविद्यालय में बतौर अध्यापक कार्य आरंभ किया था। इनके अब तक चार 400 से भी अधिक शोधलेख प्रकाशित हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि पद्म सम्मान भारत सरकार द्वारा शासकीय सेवकों व अन्य भारतीयों को किसी भी क्षेत्र में असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री नामक पद्म सम्मान (पुरस्कार) प्रदान किए जाते हैं। पद्म पुरस्कारों की सिफारिशें राज्य सरकारों/संघ राज्य प्रशासनों, केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों, उत्कृष्टता संस्थानों आदि से प्राप्त की जाती हैं, जिन पर पुरस्कार समिति द्वारा विचार किया जाता है। पुरस्कार समिति की सिफारिश के आधार पर और प्रधानमंत्री, गृहमंत्री तथा राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इन पद्म सम्मानों की घोषणा की जाती है।