निहित स्वार्थ के लिए ना हो RTI का इस्तेमाल: रामनाईक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Mar, 2018 06:45 PM

use of rti for vested interests ramanayak

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार ‘फाउंडेशन फार पीपुल्स राइट टू इंफारमेशन’ द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम में शिरकत की। जिसका रामनाईक ने उद्घाटन किया। जिसके बाद नाईक ने कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून का उपयोग निहित...

लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार ‘फाउंडेशन फार पीपुल्स राइट टू इंफारमेशन’ द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम में शिरकत की। जिसका रामनाईक ने उद्घाटन किया। जिसके बाद नाईक ने कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून का उपयोग निहित स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि केवल जनता के लाभ के लिए ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम को जितने बेहतर तरीके से लागू किया जाएगा, प्रदेश में शासन तथा प्रशासन की कार्यप्रणाली में उतना अधिक सुधार आएगा।  

उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार की पूरी जानकारी रखते हुए इसके दायरे में आने वाली सूचना सही ढंग से प्राप्त की जाए तो समस्या का निदान हो सकता है। सूचना का अधिकार का कार्य देखने वाले अधिकारियों को उचित प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए ताकि सुचारू रूप से कार्य किया जा सके। नाईक ने कहा कि सूचना का अधिकार कानून एक महत्वपूर्ण अधिकार है जो जनता को जानकारी प्राप्त करने का हक देता है। इसका उद्देश्य शासन एवं प्रशासन तंत्र की कार्यप्रणाली में पारर्दिशता को बढ़ाना, अधिकारियों की जवाबदेही तय करना तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। 

उन्होंने कहा कि आरटीआई अधिनियम वर्ष 2005 में संसद में पारित हुआ था, लेकिन नियमावली ना होने से प्रदेश में काफी दिक्कते आ रही थीं। राज्यपाल ने राज्य सूचना आयोग द्वारा सूचना का अधिकार नियमावली 2015 तैयार करने हेतु प्रशंसा की।   नाईक ने कहा कि नियमावली बन जाने से लोगों को सूचना का अधिकार कानून के प्रयोग में अधिक सुगमता होगी। राज्यपाल ने कार्यक्रम में समीना अफजाल द्वारा सूचना के अधिकार पर लिखित एक पुस्तक का विमोचन भी किया। 
 

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